जोशीमठ : उर्गमघाटी में प्रकृति पर्यटन की है अपार संभावनाएं

Team PahadRaftar

रिपोर्ट रघुबीर नेगी

उर्गमघाटी में प्रकृति पर्यटन की है अपार संभावनाएं

पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव की धरती पर प्रकृति पर्यटन एवं नेचर जागरूकता कार्यक्रम के द्वितीय दिवस में अतर सिंह तोमर पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखंड ने कहा पहाड़ों की जमीन बचाने होगी प्रकृति के रूप नियोजन की आवश्यकता है।
ज्योर्तिमठ उर्गमघाटी में तीन दिवसीय प्रकृति पर्यटन एवं नेचर कैंपिंग जागरूकता कार्यशाला का आयोजन जनदेश संस्था एवं नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क ज्योतिर्मठ के द्वारा किया जा रहा है।

द्वितीय दिवस में मुख्य वक्त के रूप में पूर्व राज्य मंत्री अतर सिंह तोमर एवं टिहरी न्यू प्रेस क्लब के अध्यक्ष शशि भट्ट कार्यक्रम में उपस्थित रहे। पूर्व राज्य मंत्री अतर सिंह तोमर ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए युवाओं की मुख्य भूमिका हो सकती है उन्होंने कहा कि पहाड़ों में लोग अपनी भूमि को नहीं बेचना चाहिए आज आवश्यकता है कि जमीन को बचाया जाए बाहर के लोगों की गिद्ध दृष्टि पहाड़ों की भूमि पर लगी है।

बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद – फरोख्त की जा रही है इसे रोकने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि कल्पेश्वर उर्गम मोटर मार्ग को ठीक किया जाना चाहिए करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी सड़क की हालत बहुत खराब है यहां पर यह सड़क ठीक हो जाती है तो कल्पेश्वर महादेव की यात्रा बहुत अच्छी चल सकती है। प्रेस क्लब के अध्यक्ष शशि भूषण भट्ट ने कहा कि युवाओं के द्वारा यदि सही तरीके से नियोजन किया जाता है तो इसके परिणाम काफी लाभदायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग में काफी संभावना है इसको बेहतरीन ढंग से विकसित किया जाने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से वन क्षेत्र में आयोजित किए जाने वाले ट्रैकिंग के कार्यों में सरकारी नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

 

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ के अनुभाग अधिकारी देवचंद ने कहा कि यदि नियम के अनुसार नहीं चलेंगे तो जुर्माना बहुत अधिक है और इसका कई वर्षों तक कोर्ट कचरी के चक्कर लगाना पड़ते हैं उन्होंने कहा कि बिना अनुमति का जाना नियम के विरुद्ध है।

इस अवसर पर उर्गम की पूर्व प्रधान मिकल ने कहा कि बेहतरीन ढंग से प्रकृति के आधारित पर्यटन विकास की अपार संभव नहीं घाटी में है इसे विकसित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर देवग्राम के पूर्व प्रधान देवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उर्गम घाटी से 15 से अधिक ट्रैक मार्ग जाते हैं इसमें मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए तो क्षेत्र को काफी राजस्व मिल सकता है। प्रशिक्षण में आई प्रतिभागियों ने 16 से अधिक ट्रैक मार्गों की सूची तैयार की और इन मार्गों में प्रकृति प्रेमियों को उसे क्षेत्र में दिखाई देने वाली महत्वपूर्ण स्थान वहां पर वनस्पतियों वन्य जीव नदी नालों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की और उसे चार्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया इसी के साथ केदारनाथ वन्य जीव और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत टूर ऑपरेटर की पंजीकरण के नियमों के बारे में भी मुख्य प्रशिक्षक लक्ष्मण सिंह नेगी के द्वारा जानकारी दी गई। इस अवसर पर 45 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण ट्रैक ऐसे हैं जो वर्ष भर चल सकते हैं कल्पेश्वर की यात्रा भी वर्ष भर चलती है जो पंच केदार का महत्वपूर्ण मंदिर है इसके अलावा पंच बद्री में ध्यान बद्री, बंसी नारायण, फ्यूंला नारायण मंदिर, रुद्रनाथ के ट्रैक बहुत ही सुंदर और रमणीक है जिनका विकास किया जाना चाहिए।

युवाओं ने यहां की खाद्य पदार्थ के उपयोग होमस्टे में किए जाने पर भी जोड़ दिया और यहां की लोक कला लोक संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर भी जोड़ दिया गया। इस अवसर पर रघुवीर सिंह चौहान, ट्रैकिंग प्रेमी दीपक चौहान, दिनेश नेगी, कल्पेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद नेगी, चंदन सिंह राणा, यादवेंद्र सिंह नेगी, अभिजीत प्रकाश, जयदीप, मनोहर सिंह सजवाण , युवराज सिंह, श्री नंद ममगाईं, राजेंद्र सिंह रावत, पूर्व सरपंच हर्षवर्धन सिंह फ्यूंलानारायण फ्रेंड्स ग्रुप के उजागर सिंह , प्रदीप सिंह पंवार सहित कई लोग उपस्थित थे।

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