ऊखीमठ : नेशनल हाईवे पापड़ी तोक में भूस्खलन होने से 17 परिवारों पर छाया संकट

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ :  कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर नेशनल हाईवे पर पापड़ी तोक के निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन होने व बडे़ बोल्डरों के खिसकने से पापड़ी तोक का एक बड़ा हिस्सा नासूर बनता जा रहा है।

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पापड़ी तोक के निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन होने से तोक के 17 परिवार खतरे की जद में है तथा प्रभावित परिवारों पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है। नेशनल हाईवे द्वारा पापड़ी तोक में मलवा हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारू करने के प्रयास तो किये जा रहे हैं मगर बडे बोल्डरों के निरन्तर खिसकने से नेशनल हाईवे पर बार – बार यातायात बाधित होना आम बात बनी हुई है।

बता दें कि कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर नेशनल हाईवे पर पापड़ी तोक के निचले हिस्से में विगत 10 अगस्त से भूस्खलन जारी है भूस्खलन के साथ बडे़ – बडे़ बोल्डरों के खिसकने से पापड़ी तोक का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया है। पापड़ी तोक के निचले हिस्से का एक बड़ा भू-भाग भूस्खलन की चपेट में आने के कारण पापड़ी तोक के 17 परिवार खतरे की जद में है तथा आसमान में बादल छाने से प्रभावित परिवारों का रातों की नींद हराम हो जाती है। नेशनल हाईवे द्वारा हाईवे पर यातायात बहाल करने के प्रयास तो किये जा रहे हैं मगर भूस्खलन के साथ बडे़ – बडे़ बोल्डरों के खिसकने से यातायात बार – बार बाधित हो रहा है। जानकारी देते हुए प्रधान योगेन्द्र नेगी ने बताया कि पापड़ी तोक के निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन होने व बडे़ – बडे़ बोल्डरों के खिसकने से पापड़ी तोक का एक बड़ा हिस्सा नासूर बनता जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पापड़ी तोक के निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन जारी रहने से 17 परिवारों को खतरा बना हुआ है तथा कभी भी प्रभावित परिवारों पर प्रकृति का कहर बरस सकता है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य नन्दन सिंह रावत ने बताया कि भूस्खलन के साथ बडे़ – बडे़ बोल्डरों के आने से नेशनल हाईवे पर बार – बार यातायात बाधित होना आम बात हो गयी है यदि यातायात सुचारू भी रहता है तो ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि पापड़ी तोक में नेशनल हाईवे द्वारा भूस्खलन का मलवा हटाने व यातायात बहाल करने के प्रयास तो किये जा रहे हैं मगर भूस्खलन के साथ बडे़ बोल्डरों के आने से नेशनल हाईवे के अधिकारियों, कर्मचारियों को जान जोखिम में डालकर भूस्खलन का मलवा व बडे़ बोल्डरों को हटाना पड़ रहा है।

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