संजय कुंवर ज्योतिर्मठ
नगर क्षेत्र जोशीमठ में आज वाल्मीकि समुदाय के लोगों द्वारा महर्षि वाल्मीकि जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर नगर क्षेत्र में बाल्मिकी समाज द्वारा महर्षि वाल्मीकि जी की भव्य और आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें शोभायात्रा को महर्षि वाल्मीकि मंदिर से होते हुए नरसिंह मंदिर सिंहधार, मारवाड़ी होटल, अप्पर बाजार छावनी बाजार, होकर वाल्मीकि मंदिर पर समापन किया गया शोभा यात्रा के दौरान वाल्मिकी समाज के युवाओं द्वारा अनेक प्रकार के युद्ध कौशल के प्रदर्शन के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जिसमें मुख्य आकर्षण महर्षि वाल्मीकि की कुटिया जिसमें मां सीता लव कुश वाल्मीकि के साथ विराजमान थे साथ ही रथ पर भगवान श्री राम लक्ष्मण और पवन पुत्र हनुमान जी थे, बैंड बाजे और ढोल नगाड़ों की धुन पर अनेक प्रकार के करर्तबों को दिखाया गया। जिसमें कृष्ण लीला महाकाली शिव तांडव आदि कलाकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी इस बार इस शोभायात्रा को भव्य रूप से सजाया गया था जिसमें अनेक प्रकार के कर्तव्य दिखाए गए साथ ही रामायण के रचनाकार आदि कवि महर्षि बाल्मीकि जी की जयंती के पावन पर्व पर कोटि कोटि नमन एवं आप सभी देशवासी को अनन्त बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।
महर्षि बाल्मीकि जी का जीवन और उनके द्वारा रचित रामायण हमें सत्य, धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान करती है। इस शोभा यात्रा को सन 1984 में 17 अक्टूबर 1984 को प्रारंभ किया गया था तब से अब तक यह शोभा यात्रा निरंतर वाल्मीकि समुदाय के व्यक्तियों द्वारा निकल जा रही है। आज इस शोभायात्रा को 40 वर्ष पूर्ण होने पर वाल्मीकि समाज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही है। इस शोभायात्रा में कार्यक्रम अध्यक्ष अनिल कुमार वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष किशन कुमार कोषाध्यक्ष बबलू कुमार अखाड़े के गुरु चमन लाल एवं श्री बिशनलाल झरिया एवं समाज के सभी व्यक्तियों का इसमें महत्वपूर्ण सहयोग रहा एनटीपीसी के वाल्मीकि समुदाय के लोगों द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया तथा इस शोभायात्रा जन्मोत्सव पर मंदिर प्रांगण में भजन कीर्तनों को भी किया गया हमें वाल्मीकि के आदर्शों का पालन करना चाहिए।