ऊखीमठ : शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर, तुंगनाथ चार और मद्महेश्वर 20 नवम्बर को होंगे बंद

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ :  11 वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ, द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर व तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने की तिथियां विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है! भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट आगामी 3 नवम्बर को भैयादूज पर्व पर शुभ लगनानुसार प्रातः 8:30 बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें। कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी तथा लिनचोली, जंगलचट्टी , गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। 4 नवम्बर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडा़सू, फाटा, मैखण्डा, नारायण कोटी, नाला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा 5 नवम्बर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में घोषित कर दी गयी है। पंचाग गणना के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट आगामी 4 नवम्बर को शुभ लगनानुसार तुला लगन में शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये जायेगें तथा कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी तथा 5 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कूबैण्ड हूण्डू, बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी तथा 6 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुण्ड में ही रात्रि प्रवास करेगी तथा 7 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी! भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर एक दिवसीय तुंगनाथ महोत्सव का आयोजन किया जायेगा! पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है! पंचाग गणना के अनुसार इस बार मदमहेश्वर धाम के कपाट आगामी 20 नवम्बर को प्राप्त आठ बजे वृश्चिक लगन में शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे! भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर कूनचट्टी, मैखम्बा, नानौ, खटारा, बनातोली यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी! 21 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से रवाना होकर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी! 22 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली उनियाणा, राऊलैंक, मनसूना यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गाँव पहुंचेगी तथा 23 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी ! भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर भव्य मेले का आयोजन किया जायेगा! इस मौके पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डी एस भुजवाण,, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी , प्रधान पुजारी बागेश लिंग , वेदपाठी यशोधर मैठाणी , नवीन मैठाणी, देवानन्द गैरोला, भण्डारी मदन सिंह पंवार, पंकज भटट्,सत्य प्रसाद सेमवाल, मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी, विशेश्वर शैव, श्रीवर्ध जमलोकी, मुकेश मैठाणी, उमादत्त मैठाणी, विनोद मैठाणी, रवीन्द्र मैठाणी, माहेश्वर प्रसाद मैठाणी, शान्ति प्रसाद मैठाणी, जीतपाल भण्डारी, जयवीर नेगी, दिलवर नेगी सहित मन्दिर समिति के अधिकारी, विद्वान आचार्य, हक – हकूकधारी मौजूद रहे।

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