आठ दिनों के रिकॉर्ड समय में बीआरओ ने बना डाला रैंणी बेली ब्रिज, नीति घाटी भारत – चीन सीमा पर आवाजाही शुरू – संजय कुंवर रैणी तपोवन

Team PahadRaftar

आठ दिनों के रिकॉर्ड समय में BRO ने बना डाला रैंणी वेली व्रिज,आज से नीति मलारी घाटी यातायात से जुड़ी

संजय कुंवर तपोवन 

ऋषि गंगा जल आपदा में बहे जोशीमठ-मलारी हाईवे बॉर्डर रोड पर रैंणी पुल के विकल्प के रुप में बीआरओ टीम के अथक प्रयासों से नया वेली व्रिज तैयार कर लिया है। इस वैली ब्रिज का उद्घाटन आज दोपहर 2 बजे विशेष पूजा अर्चना के बाद बद्री विशाल की जय के उद्घोष के साथ यातायात और आवाजाही शुरू हो गई है।इस मौके पर BRO के चीफ इंजीनियर ए०एस०राठौर सहित अन्य BRO इंजीनियर और अधीनस्थ अधिकारी मौजूद रहे।सबसे पहले BRO चीफ का काफिला नये वेली व्रिज से गुजरा ग्रामीणों ने तालियों की गडगहट के साथ सबका स्वागत किया।इसके साथ ही आज से मलारी नीति बॉर्डर रोड पर आवाजाही सुचारु हो गई है,60 मीटर लंबा यह रेणि वेली व्रिज उतराखंड का सबसे लम्बा वेली व्रिज है।आज 28 दिनों बाद मलारी बॉर्डर के डेढ़ दर्जन गाँव फिर से जल आपदा के बाद यातायात की सुविधा से जुड़ गया है। बीआराओ की ओर से क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण निर्धारित समय से 15 दिन पहले पूर्ण कर लिया गया है। पुल के सुचारु होने के बाद नीति घाटी के यातायत सुविधा से वंचित 13 गांवों को आवाजाही की सुचारु सुविधा मिल गई है।

गौरतलब है कि सात फरवरी को ऋषिगंगा नदी में हिमखंड टूटने से आई जलप्रलय के दौरान भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में सड़क सुविधा प्रदान करने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैंणी में बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद से यहा बीआरओ की ओर से यहां सीमा क्षेत्र और घाटी के 13 गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने के लिये वैली ब्रिज का निर्माण किया जा रहा था। 22 दिनों की मशक्कत के बाद यहां बीआरओ की ओर से यहां 60 मीटर लम्बाई का वैली ब्रिज तैयार कर आज इसको आवाजाही हेतु शुरू कर दिया गया है।

 

रैंणी में बना उत्तराखंड का अभी तक का सबसे लम्बा वैली ब्रिजजोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैंणी में बीआरओ की ओर बनाया वैली ब्रिज उत्तराखण्ड में अब तक बनाये गये वैली ब्रिज में सबसे अधिक लम्बाई का वैली ब्रिज है। ब्रिज की लंबाई लगभग 60 मीटर है। ऐसे में पुल की सुरक्षा को देखते हुए पुल पर तीन मंजिला फैब्रिकेशन कार्य किया गया है। वहीं पुल निर्माण के लिये जम्मू कश्मीर के पठानकोट, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ से सामान मंगवाया गया है। पुल निर्माण करने वाले अधिकारियों के अनुसार पुल पर 40 टन वजन के वाहनों की आवाजाही सुगमता से हो सकेगी।

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