पहाड़ का दर्द पहाड़ जैसा है ,यहां जान हथेली पर रखकर मां और नवजात बेटे को सुरक्षित घर पहुंचाया।
देवाल/ चमोली : बृहस्पतिवार सुबह को चमोली जिले के लोहजंग – वाण सड़क बुराकोट में क्षतिग्रस्त होने से वाण गांव के कर्जा तोक के ग्रामीणों ने गर्भवती किरन देवी पत्नी देवेन्द्र सिंह को एक किलोमीटर पैदल कुर्सी में बैठाकर जान जोखिम में डालते हुए उफनते गदेरे के ऊपर बल्लियों को पार करके वाहन तक पहुंचाया और गर्भवती को देवाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। देवाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार सुबह आज 12 बजकर 19 मिनट पर किरन ने स्वस्थ बच्चे (लड़का) को जन्म दिया। जिसके बाद आज सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से किरन और उसके नवजात बच्चे को किरन के परिजन अपने घर वाण ले गए। जैसे ही वो लोग बुराकोट गदेरे के पास पहुंचे तो उनके होश उड गये, क्योंकि बुराकोट गदेरे पर बनाया गया वैकल्पिक पुल गुरूवार रात्रि और शुक्रवार की सुबह हुई भारी बारिश से फिर बह गया। सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह गढ़वाली ने बताथा की बुधवार को प्रशासन द्वारा बुराकोट गदेरे में आवाजाही के लिए जो वैकल्पिक पुल बनाया था वो भारी बारिश से बह गया था, जिस कारण लोगों की मुसीबत में बढ गयी है। नवजात शिशु और उसकी मां को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों नें जान जोखिम में डालकर बुराकोट गदेरे में बैकल्पिक पुल बनाया। जिसके बाद मेरे द्वारा नवजात बालक को बमुश्किल से बुराकोट गदेरे व क्षतिग्रस्त सडक से पार पहुंचाया गया। वहीं नवजात की मां किरन देवी ने कहा की जैसी परिस्थितियां मेरी साथ हुई वैसी स्थिति किसी भी गर्भवती महिला के साथ न हो। किरन ने ग्रामीणों का धन्यवाद दिया की वो ही उसके लिए भगवान साबित हुए। उन्होने सरकार से मांग की है की अतिशीघ्र लोहजंग – वाण सडक के बुराकोट गदेरे में वैली ब्रिज बनाया जाय।
सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह गढवाली नें नवजात को बुराकोट से सुरक्षित पार पहुंचाया तो वहीं ग्रामीण उदय सिंह, नरेंद्र सिंह, कुवर सिंह, हीरा सिंह बुग्याली, सुरेन्द्र सिंह, जमुना देवी, कस्तूरा देवी, आशा कार्यकत्री लक्ष्मी देबी, कल्याण सिंह, कृणा सिंह, ग्राम प्रहरी मदन सिंह, मान सिंह पिमोली, बलवंत सिंह सहित अन्य ग्रामीणों नें जान जोखिम में डालकर बुराकोट गदेरे में बैकल्पिक पुल बनाया और मां बेटे को घर पहुंचाया।