होली के रंग बिरंगे सतरंगी रंगों से शरा बोर हुई सीमांत जोशीमठ घाटी
संजय कुंवर जोशीमठ
बदरीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव और सूबे के अंतिम नगर जोशीमठ सहित सीमांत अलकनन्दा धौली गंगा घाटी क्षेत्र में होली का विशेष महत्व है.यहां होलिका दहन के बाद अगली सुबह भगवान बदरी विशाल को साक्षी मानकर रंग और गुलाल के साथ होली मनाई जाती है, हर गाँव के आंगन में होली का पावन त्यौहार मनाया जाता है दो साल के कोरोना काल के अज्ञातवास के बाद जोशीमठ क्षेत्र में होली का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जोशीमठ के नन्दा देवी मंदिर में महिला और पुरुषों और बच्चो की होल्यारों की टोली ढोल-दमाऊं और डीजे की थाप पर खूब थिरकी और प्रेम भाई चारे के सतरंगी रंगों में शराबोर हुए। सभी ने होली गीत गाकर एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाया तो वहीं होल्यारों ने घर-घर जाकर लोगों को अबीर-गुलाल लगाया और गुजिया मिठाई बांटी। जोशीमठ नृसिंह मंदिर प्रांगण,सुनील,नोग,परसारी,औली, सिंहधार,मनोहर बाग रविग्राम वार्ड में कृष्ण भक्त होल्यारो ने अबीर-गुलाल के साथ होली खेली। वहीं इस बार भी सीमांत के गाॅवों में होली पर्व पर गढ़ रत्न गायक नरेंद्र सिंह नेगी के होली गीत की काफी धूम रही।