जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में भू-धंसाव
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र ने भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ( जीएसआई)को भौगोलिक निरीक्षण हेतु भेजा पत्र
संजय कुंवर जोशीमठ
जोशीमठ/ गोपेश्वर / देहरादून
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने जोशीमठ स्थित प्रसिद्ध श्री नृसिंह मंदिर परिसर के निकट हो रहे भू-धंसाव के भौगोलिक निरीक्षण हेतु भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ( जीएसआई) निदेशक को पत्र लिखा है।
स्थल विशेष की महत्ता का उल्लेख करते हुए मंदिर समिति अध्यक्ष ने जीएसआई तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा भौगोलिक निरीक्षण के पश्चात परीक्षण रिपोर्ट/ आख्या एवं सुझाव मंदिर समिति को उपलब्ध कराने हेतु कहा है, ताकि मंदिर समिति भू-धंसावरोधी कार्ययोजना पर कार्य कर सके।
मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र ने पत्र में उल्लेख किया है कि पर्यटन एवं तीर्थाटन हेतु प्रसिद्ध ज्योर्तिमठ जोशीमठ नगरी भगवान बदरीविशाल की शीतकालीन गद्दी स्थल तथा सनातन धर्म का केंद्र बिंदु है। मंदिर समिति द्वारा कुछ वर्ष पूर्व श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ का जीर्णोद्धार कराया गया यह मंदिर हिमाद्रि शैली की वास्तुकला का विशिष्ट उदाहरण है।
उन्होंने उल्लेख किया है कि श्री नृसिंह मंदिर परिसर का कुछ भू- भाग जो कि मंदिर समिति कर्मचारी आवास के निकट है भू गर्भीय कारणों से धंस रहा है। मंदिर निर्माण के समय मंदिर समिति द्वारा स्थल विस्तारीकरण कार्य के तहत 90 मीटर गहरे राफ्ट के प्रयोग से दीवार निर्माण कार्य किया था। जैसा कि जोशीमठ नगर में कई स्थानों पर भू-धंसाव देखा जा रहा है अत: समय रहते
बचाव कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है।