हेमकुंड साहिब : मानसून की पहली दस्तक में ही खिला उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल
संजय कुंवर, श्री हेमकुंड साहिब
उच्च हिमालई क्षेत्र लोक पाल घाटी में मौजूद दंडी पुष्करणी तीर्थ हेमकुंड साहिब में दुर्लभ हिमालई पुष्पों के राजा और उत्तराखंड के राज्य पुष्प दिव्य ब्रह्म कमल के खिलने की पहली शानदार तस्वीर सामने आईं है। हिंदू सिक्ख धार्मिक आस्था का संगम श्री लोकपाल हेमकुंड साहिब के पवित्र हिम सरोवर के आसपास के क्षेत्रों में क्लाइमेट शिफ्टिंग के चलते माने या कुछ और कारण लेकिन इस बार मानसून की पहली दस्तक में ही जुलाई माह के पहले सप्ताह में यह दुर्लभ देव पुष्प जो उत्तराखंड का राज्य पुष्प है। अपनी रंगत बिखेरने लगा है, जानकारों की माने तो अक्सर लोकपाल घाटी में यह दुर्लभ ब्रह्म कमल पुष्प जुलाई के अंतिम सप्ताह में खिला हुआ नजर आता है और यही नही हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर अटला कोटी से ऊपर बड़ी संख्या में क्यारियों में ये ब्रह्म कमल फूल खिले नजर आते हैं, लेकिन इस बार मानसून की पहली बरसात में ही हेमकुंड साहिब क्षेत्र में समय से पहले राज्य पुष्प ब्रह्म कमल के ऐसे खिलने से प्रकृति प्रेमियों और वनस्पति विज्ञानियो को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
दरअसल समुद्र तल से करीब 3000 मीटर से 4800मीटर तक की ऊंचाई पर अपनी जादुई ओषधि युक्त महक बिखेरने वाले इस दुर्लभ ब्रह्म कमल पुष्प की क्यारियां लोकपाल घाटी में हेमकुंड साहिब आस्था पथ पर अटलाकोटी से ऊपर हेमकुंड साहिब छेत्र तक हजारों को संख्या में खिली हुई नजर आती है,जो सीजन में खासकर जुलाई के अंत से पूरे अगस्त माह तक यहां खिले नजर आते है, लेकिन इस सीजन में जुलाई माह के पहले सप्ताह में ही हेमकुंड साहिब में राज्य पुष्प ब्रह्म कमल अपनी चमक बिखेरते नजर आ रहे हैं। वहीं समय से पहले इन पुष्पों का खिलना प्री मैच्यौरिंग कहलाता है। जो जलवायू परिवर्तन के कारण /वातावरण शिफ्ट होना भी एक कारण माना जा सकता है। तय समय चक्र से पहले इन उच्च हिमालई दुर्लभ पुष्पों के खिलने की घटना में हो रहे जलवायू शिफ्टिंग इन दुर्लभ पुष्पों की प्रजातियों के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे है।
गढ़वाल हिमालया में सबसे अधिक ब्रह्म कमल पुष्प अगस्त महीने में खिलते हैं लेकिन लोकपाल हेमकुंड साहिब क्षेत्र में इस बार तय समय से पहले ही ये दुर्लभ ब्रह्म कमल पुष्प खिलने लगे हैं। ब्रह्मकमल पुष्प को देवताओं का पुष्प माना जाता है और खास कर गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में नंदा अष्टमी के महा पर्व पर मां नंदा देवी को ब्रह्मकमल से सजाया और चढ़ाया जाता है।
क्षेत्र के होटल कारोबारी राम नारायण भंडारी कहते है कि उन्होंने अक्सर इस दुर्लभ ब्रह्म कमल पुष्प को जुलाई मध्य के बाद और अगस्त में खिलते देखा हैं, इस बार जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही हेमकुंड साहिब में ब्रह्म कमल के दर्शन हो रहे है जो अद्भुत तो है लेकिन पर्यावरणीय बदलाव और क्लाइमेट शिफ्टिंग के चलते भी ऐसा हो सकता है, राज्य वृक्ष बुरांस में भी ऐसा परिवर्तन देखने को मिला है अब राज्य पुष्प समय से पहले खिला है तो इसे सितंबर माह तक सुरक्षित रखने का दायित्व भी हम सबका होगा।
ऐसी मान्यता है कि जिस घर में ब्रह्मकमल होता है वहां सांप नहीं आते हैं, यह औषधीय गुणों से भरपूर है. भगवान शिव और माता पार्वती को यह अत्यंत प्रिय है. गढ़वाल हिमालय के उच्च हिमालई क्षेत्र में खिलने वाला ब्रह्मा कमल सफेद और हल्का पीला रंग का होता है खासकर उत्तराखंड के इस राज्य पुष्प की खुशबू यहां पंच केदारों, पांगरचूला,भनाई बुग्याल, काग भुशंडी ताल, सहस्त्र ताल, नंदी कुंड, फूलों की घाटी, कुंठ खाल, चिनआप वैली, सतोपंथ, ऋषि कुंड,देवांगन, डयाली सेरा, हेमकुंड साहिब छेत्र में सबसे अधिक महकती नजर आती है।