दीपावली पर आज जल्द ही सिलक्यारा से खुशखबरी मिलने वाली है,सिलक्यारा में दूर दराज के गांवों से भी बड़ी संख्या में पहुंचे लोग, सबको श्रमिकों के बाहर निकलने का इंतजार
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य परिवहन एवं सड़क मंत्री भी मौके पर पहुंच गए हैं।
बारहवें दिन भी श्रमिक अभी सुरंग के भीतर है। संभावना ये थी कि बुधवार को सभी 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा, रात तक 900 एमएम के लगभग 50मीटर पाइप भी सुरंग के भीतर ड्रिल किए जा चुके थे लेकिन इसके बाद अंतिम पाइप एस्केप टनल के आगे का करीब तीन फिट हिस्सा हल्का मुड़ गया था। जिसको काटने का कार्य लगातार जारी है। मशीन को फिर से चालू करने के लिए आज सुबह विशेषज्ञों का एक और दल ने हेलीकॉप्टर से लैंड किया है। विशेषज्ञ मशीन की खामियों को दूर करने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि आज दिन तक सभी श्रमिकों को कुशल बाहर निकाल दिया जाएगा। विशेषज्ञों ने मीडिया को बताया कि तकनीकि खामी है और उसे जल्द दुरुस्त कर दिया जाएगा। बहरहाल सिलक्यारा के पास ही एम्बुलेंस के साथ ही चिन्यालीसौड़ में सभी 41 श्रमिकों को लेकर अस्थाई अस्पताल तैयार किया गया है और यहां 41 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। पूरे प्रदेश ही नहीं देशभर के लोग श्रमिकों के सुरक्षित बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं और लोग यह भी जानना चाहते हैं कि आखिर उस दिन क्या हुआ था, मलबे के आसपास क्या कुछ और श्रमिक भी मौजूद थे। कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं और इसका जवाब तभी मिल पाएगा जब सभी श्रमिक बाहर आएंगे। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य परिवहन एवं सड़क मंत्री भी मौके पर पहुंच गए हैं।
हॉस्पिटल रेडी, एंबुलेंस तैयार, रेस्क्यू की तैयारी… उत्तरकाशी टनल में ड्रिलिंग का काम फिर शुरू, डाली जाएगी आखिरी पाइप।।
सिल्क्यारा ड्रिलिंग का कार्य हुआ पूरा
उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने का अभियान अब पूरा होने वाला है। 12 दिनों से फंसे श्रमिकों तक पहुंचने में जुटी रेस्क्यू टीम को उम्मीद थी कि बुधवार देर रात तक ऑपरेशन पूरा हो जाएगा, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। आखिरी समय में ऑगर मशीन के आगे सरिया आने के कारण ड्रिलिंग में रुकावट आई थी।
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया की बाधा को पार कर लिया गया है। ऑगर मशीन से तेजी से ड्रिलिंग के कारण बुधवार देर रात तक खुशखबरी आने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। हालांकि, गुरुवार की सुबह एक अच्छी खबर सामने आई है। ड्रिलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। ऑगर मशीन के आगे सरिया आने के कारण रेस्क्यू पाइप बिछाने के कार्य में बाधा आई थी। इस कारण ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था। अमेरिकी ऑगर मशीन के आगे सरिया आने के कारण बुधवार रात करीब 12 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया। आखिरी पाइप को डालने में सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद एनडीआरएफ और ड्रिलिंग टीम के सदस्य इस सरिया को काटने में जुटे। सरिया को काटने के बाद ड्रिलिंग के कार्य को पूरा करा लिया गया है। अब आखिरी पाइप को डालने का कार्य कराया जा रहा है। रेस्क्यू में लगी टीम का दावा है कि जल्द की रेस्क्यू टीम टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंच जाएगी। अगले कुछ घंटे में मजदूर निकलने वाले हैं। इसके लिए टनल के बाहर तैयारियों को पूरा किया गया है। 41 बेड का अस्पताल रेडी है। एंबुलेंस तैयार है। मजदूरों की हालत खराब होने की स्थिति में उन्हें एयरलिफ्ट करने की भी तैयारी है।