जोशीमठ : नीती माणा घाटी की जन जातीय महिलाओं की आर्थिकी का जरिया बना भोजपत्र।प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जताया आभार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के माणा भ्रमण के दौरान भोजपत्र पर उकेरी गई कलाकृति की प्रशंसा और सराहना के फलस्वरूप भोजपत्र आज भोटिया जनजाति की महिलाओं का आजीविका का अच्छा साधन बनते जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर नीति-माणा घाटी जनजाति की महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भोज पत्र पर लिखी श्री बदरीनाथ जी की आरती और एक पत्र प्रेषित कर आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर,2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीमांत गांव माणा आए थे। इस दौरान माणा में आयोजित सरस मेले में स्वयं सहायता समूह की जनजाति महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भोजपत्र पर तैयार एक अनूठी कलाकृति सप्रेम भेंट की। जनजाति महिलाओं द्वारा भोज पत्र पर तैयार कलाकृति से प्रधानमंत्री अभिभूत हुए और उन्होंने महिलाओं द्वारा किए गए इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की और चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों से स्थानीय उत्पादों की खरीद पर अपने यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत अंश व्यय करने का आह्वान किया। भोजपत्र कलाकृति की महत्ता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने माणा से जाते ही 22 अक्टूबर को ट्वीट करते हुए लिखा कि भोजपत्र पर उकेरी गई आदिवासी भाई-बहनों की भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं।
जिला प्रशासन द्वारा भोजपत्र से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कारगर प्रयास किए गए, जिसके अन्तर्गत भोजपत्र स्मृति चिह्न बनाने के लिए निरन्तर सुलेख प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अब तक कई एसएचजी महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। महिलाओं द्वारा निर्मित स्मृति चिह्नों को तीर्थयात्रियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है और अच्छे दामों पर खरीदा भी जा रहा है। इससे महिलाओं की आय में वृद्वि हुई है। महिलाओं का कहना है कि भोजपत्र की कलाकृतियों के विक्रय से उनके परिवार के भरण-पोषण में मदद मिल रही है। जिला प्रशासन की इस पहल पर स्थानीय लोग स्वतः स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रहे हैं।