51 वर्षों के बाद अगस्त्यमुनि में विश्व मंगलम महायज्ञ का शुभारंभ, महिलाओं ने 151 जल कलशों से निकाली भव्य शोभायात्रा

Team PahadRaftar

केदार घाटी से हरीश गुसाई व लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट

51 वर्षों के बाद अगस्त्यमुनि में हो रहे विश्व मंगलम महायज्ञ व अष्टादश महापुराण का आज विधि विधान एवं वैदिक मन्त्रोचार के साथ शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर 151 जल कलशों के साथ विभिन्न महिला मण्डिलियों द्वारा भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। इस दौरान सनातन धर्म के जयघोषों से पूरा अगस्त्यमुनि शहर गुंजायमान रहा। लोग अपने घरों से शोभायात्रा पर फूल बरसा रहे थे। लोगों में महायज्ञ व अष्टादश महापुराण के आयोजन को लेकर भारी उत्साह नजर आ रहा था। इस दौरान सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को संभालने स्वयं थाना प्रभारी सदानंद पोखरियाल मय फोर्स शोभा यात्रा के साथ मौजूद रहे।

फोटो – अष्टादश पुराण की स्मृति में परिजात पौधों का रोपण करते बाबा केदारनाथ दाससेवा मण्डल के सदस्य

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रातः नौ बजे पुराना देवल से शोभा यात्रा प्रारम्भ हुई जो विजयनगर अगस्त्यमुनि होते हुए श्री अगस्त्य मन्दिर परिसर में पहुंची। शोभा यात्रा की अगुवाई बदरीनारायण के करपात्री भागवत प्रपन्नाचार्य जी महाराज एवं कोटेश्वर मन्दिर रूद्रप्रयाग के महन्त स्वामी शिवानन्द गिरी महाराज ने की। मन्दिर की परिकर्मा के साथ ही वहां रखे गये 18 पुराण धर्म ग्रन्थों को भक्तों द्वारा सम्मान के साथ खेल मैदान अगस्त्यमुनि स्थित महायज्ञ स्थल पर लाया गया। इस दौरान आचार्य गणों द्वारा लगातार स्वस्तिवाचन का पाठ किया जाता रहा। महायज्ञ स्थल पर पुराण धर्मग्रन्थों के पहुंचने पर उनका पूजन इत्यादि के बाद निर्धिारित स्थान पर रखे गये जहां आचार्य गणों द्वारा उनका वाचन एवं कथा प्रवचन किया जायेगा। दोपहर में नाकोट ग्राम के पधान विजयसिंह नेगी एवं उनकी धर्मपत्नी द्वारा खेल मैदान में मुनि महाराज के हवन कुण्ड के पास क्षेत्रपाल देवता का झण्डा विधि विधान से स्थापित किया गया। पंचांग पूजन सहित अन्य पूजाओं के बाद मुख्य हवन कुण्ड की पूजा अर्चना करने के बाद अरणि मंथन द्वारा अग्नि प्रज्ज्वलित की गई। जिससे हवनकुण्ड में डाला गया। जिसके बाद हवन इत्यादि की कार्यवाही प्रारम्भ हुई। दो बजे से आचार्य गणों द्वारा विधिवत कथा वाचन किया गया। कथा वाचन आचार्य बृजमोहन सेमवाल की अगुवाई में तथा आचार्य डॉ त्रिलोचन भट्ट की देखरेख में सम्पन्न हुआ। वहीं महायज्ञ प्रधान आचार्य डॉ नन्दकिशोर भट्ट एवं उप आचार्य देवी प्रसाद वशिष्ट की देखरेख में सम्पन्न होगा। आयोजन समिति के संयोजक हर्षवर्धन बेंजवाल, अध्यक्ष धीरसिंह नेगी तथा सचिव चन्द्रसिंह नेगी ने महाअनुष्ठान के शुभारम्भ अवसर पर पहुंचे सभी भक्तजनों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कलश यात्रा में सहयोग करने वाली महिलाओं, स्थानीय जनता, जनप्रतिनिधियों तथा समिति के सभी सदस्यों का भी आभार जताया। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा प्रकाशित विश्वमंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण स्मारिका का विमोचन भी किया गया। केदार घाटी  विश्व मंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण के शुभारम्भ के अवसर पर श्री बाबा केदारनाथ दास सेवा मण्डल के सदस्यों द्वारा नीलकण्ठ महादेव ऋषिकेश से पधारे नीलागिरी महाराज (परिजात) के नेतृत्व में खेल विभाग के परिसर में परिजात के पौधों का रोपण किया। दास सेवा मण्डल के अध्यक्ष चन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि विश्वमंगलम महायज्ञ तथा अष्टादश महापुराण की स्मृति में यह परिजात के पौधों का रोपण किया जा रहा है। जिन्हें नीलागिरी महाराज द्वारा उपलब्ध कराया गया है। आज शुभारम्भ के अवसर पर तीन पौधों का रोपण किया गया। इसी प्रकार अष्टादश पुराण के दौरान आये किसी विशिष्ट महानभावों के कर कमलों से प्रत्येक दिन परिजात के पौधों का रोपण किया जायेगा। परिजात पौध रोपण में समिति के सदस्य परमिन्दर रावत, राजेन्द्र गुसाईं, ओमप्रकाश बेंजवाल, प्शुपति बगवाड़ी, खेल विभाग के टीएस राणा आदि मौजूद रहे।

 

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