केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख माडविया पहुंचे ऋतु प्रवासी बॉर्डर विलेज मलारी, भव्य स्वागत

Team PahadRaftar

संजय कुंवर

जोशीमठ : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख माडविया पहुंचे जनपद चमोली के ऋतु प्रवासी बॉर्डर विलेज मलारी

 

गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख माडविया अपने तय कार्यक्रम के अनुसार जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र मलारी पहुँचे। नीति घाटी ग्राम प्रधान संगठन द्वारा भोजपत्र की माला पहनाकर उनका स्वागत किया साथ ही स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उनी पंखी, कोट भेंट किया जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने आर्गेनिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किया। स्थानीय महिलाओं ने पौंणा नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।

उन्होंने ग्राम वासियों से वार्ता करते हुए कहा कि आज में बदरी – केदार की भूमि पर आप लोगों के बीच उपस्थित हुआ हूं जो पारम्परिक वेशभूषा, जीवन शैली से स्वागत किया उसका धन्यवाद किया।  उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पीएम आवास, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत के साथ – साथ कोविड वैक्शीनेशन और फ्री राशन सहित बिजली पानी और मोबाइल क्नेक्टिीविटी की जानकारी ली। मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सीमांत क्षेत्र में अच्छी सड़के, नेटवर्क क्नेक्विटी, बिजली पानी स्वास्थ्य सुविधाए बेहतर हुई है। हैल्थ एन्ड वेलनेस सेन्टर के द्वारा हैल्थ सुविधा उपलब्ध कराई जाती है टैलीकन्शलटेन्सी के माध्यम से सीधे बडे डाक्टरों के द्वारा इलाज किया जाता है सभी को आयुष्मान भारत का लाभ मिल रहा है,पीएम आवास मिल रहे हैं, लोगों का जीवन सरल बन रहा है सभी घरों में बिजली पानी उपलब्ध है। धीरे-धीरे पलायन कम हो रहा है। गांवों में रोजगार के साधन बढ़ाए जा रहे हैं, वाइब्रेट विलेज के तहत ये सब प्रयास किए जा रहे हैं। कहा मोदी जी के नेतृत्व में देश के सरहदी क्षेत्र सचमुच वाईब्रेट विलेज बन रहे हैं। लोगों में हिमालय रेंज में एडवेंचर गेम्स की रुचि बढ़ रही है हमे उस तरफ काम करना है।

उन्होंने कहा कि प्रयोग के तौर पर कीड़ा जडी की मंडी लगाने का सुझाव दिया जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरा देवी के नाम पर करने सहमति दी। उन्होंने कहा कि यहा मोबाइल क्नेक्टिीविटी में सुधार किया जाएगा। उन्होंने सीडीओ को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक जीवन उपयोगी तथा पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने के लिए कहा।

उसके बाद उन्होंने जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की।  मुख्य विकास अधिकारी ने मलारी क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए यहां उगाई जाने वाली फसलों जड़ी बूटियों, सेब, राजमा से साथसाथ यहां पर विकास की संभावनाओं की जानकारी दी। बताया कि वन विलेज वन प्रोडक्ट के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जाता है। यहां फल पट्टी विकसित की जा रही है। कहा कि गेस्टहाउस के साथ मार्केटिंग सेंटर बनाया जाएगा।

वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती गाँवों को विकसित करना, गाँवों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। स्थानीय, सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना है।तथा समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गाँव-एक उत्पाद की अवधारणा पर स्थायी पर्यावरण कृषि व्यवसायों का विकास करना। ग्राम पंचायतों की सहायता से जिला प्रशासन द्वारा वाइब्रेंट विलेज़ एक्शन प्लान बनाए गए हैं।ये है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम देश की उत्तरी सीमाओं के सामरिक दृष्टि से महत्ता के चलते भारत सरकार यहां वाइब्रेंट विलेज नाम से नया कॉन्सेप्ट शुरू कर रही है,जो वर्ष 2022/23 से लेकर 2025/26 तक चलेगा, जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा करीब 48 सौ करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है। जिसमें 2500 करोड़ सिर्फ सड़कों के निर्माण के लिए खर्च होने है। वाइब्रेंट विलेज का मूल उद्देश्य ही उत्तरी सीमा वर्ती बॉर्डर से सटे गांवो में स्थानीय स्तर पर लोकल संसाधनों के बलबूते ही विकास करना है, पर बसे इस कार्यक्रम के तहत चार राज्यों और एक केंद्र शासित प प्रदेश के 19 जिलों और 46 सीमावर्ती ब्लॉकों में आजीविका संवर्धन के अवसर ओर मूलभूत इन्फ्रा स्ट्रकचर को मजबूत करना है, जिसके पहले चरण में 663 गांव शामिल किए गए है इस प्रोग्राम से उत्तरी सीमावर्ती बॉर्डर विलेजों में सतत विकास हो सकेगा, इस प्रोग्राम से बॉर्डर के नजदीक रहने वाले ऋतु प्रवासी ग्रामीणों को आजीविका के अवसर खुलेंगे।

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