भूस्खलन ने खोली सरकार और प्रशासन की पोल
भारी बारिश से मठ गांव में भारी भूस्खलन होने से दो गौशाला खतरे की जद में हैं। वहीं भूस्खलन से ग्रामीणों की 200 से अधिक काश्तकारी भूमि तबाह हो गई है। प्रशासन द्वारा मौके का मुआयना कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री दी गई है। क्षेत्रीय विधायक द्वारा ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली गई। जिसके चलते ग्रामीणों में नाराजगी है। दरअसल निरंतर हो रही मूसलाधार बारिश से पिछले सप्ताह दशोली ब्लाक के मठ गांव में भारी भूस्खलन हुआ है जिससे ग्रामीणों की सैकड़ों काश्तकारी भूमि तबाह हो गई है। वहीं भूस्खलन से आनंद सिंह नेगी की दो गौशाला खतरे की जद में आ गई हैं। आनंद सिंह नेगी द्वारा आनन-फानन में गौशाला में बंधी गायों को लोगों की गौशाला में सुरक्षित बांध दी गई है। भारी भूस्खलन से डबल सिंह, आनंद सिंह, जगदीश सिंह, कुंवर सिंह, वीरेंद्र सिंह, दिनेश सिंह, मोहन प्रसाद पंत, जगदीश प्रसाद, वंशी प्रसाद, प्रकाश सेमवाल सहित अन्य कई लोगों की 200 से अधिक काश्तकारी भूमि तबाह हो गई है।
भारी भूस्खलन से मठ गांव को भी खतरा बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों द्वारा हर दिन रतजगा कर रात्रि काटी जा रही है। इस घटना के बाद चमोली प्रशासन से तहसीलदार और पटवारी ने मौके का मुआयना किया गया है। और मुआवजा का भरोसा दिलाया गया है। लेकिन क्षेत्रीय विधायक महेंद्र भट्ट द्वारा ग्रामीणों की कोई सुध अभी तक नहीं ली गई, जिसके चलते लोगों में आक्रोश है। पिछले वर्ष ही भारी बारिश से ग्रामीणों की 100 से अधिक काश्तकारी भूमि आपदा से तबाह हो गई थी। जिसका मुआवजा ग्रामीणों को अभी तक एक ढेला तक नहीं मिला है। वहीं पिछली आपदा के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि भ इस बार फिर भूस्खलन ने लोगों को एक और बड़ा जख्म दिया है। भारी भूस्खलन से जहां ग्रामीणों की काश्तकारी भूमि पूरी तरह बर्बाद हो गई है। वहीं भूस्खलन से गांव भी खतरे की जद में आ गया है। ग्रामीण हरीश नेगी ने बताया कि पिछली आपदा और सड़क कटिंग में जो भूमि 10 वर्ष पहले कट चुकी है अभी तक उसका मुआवजा नहीं मिला है। ऐसे में क्या उम्मीद करें के इस बार की भूस्खलन का मुवावजा लोगों को मिल पाए, सब भगवान भरोसे है।