ग्राउंड जीरो से लक्ष्मण नेगी की रिपोर्ट
ऊखीमठ : सोनप्रयाग – केदारनाथ पैदल मार्ग पर बुधवार रात को कई स्थानों पर बादल फटने के बाद प्रशासन व आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न विभागों के माध्यम से राहत व बचाव कार्य दूसरे दिन भी जारी रहा। केदारनाथ धाम सहित पैदल मार्ग पर फंसे तीर्थ यात्रियों की सोनप्रयाग वापसी के बाद केदार घाटी की हालात 2013 की आपदा के बाद जैसे होने लगे हैं! सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग का नौ स्थानों पर नामोनिशान मिटने से केदारनाथ घाटी के जनमानस को भविष्य की चिन्ता सताने लगी है। केदारनाथ धाम सहित यात्रा पड़ावों पर फसें तीर्थ यात्रियों के सोनप्रयाग पहुंचने के बाद गंतव्य को रवाना होने के बाद केदार घाटी के यात्रा पड़ावों पर धीरे – धीरे सन्नाटा पसरा हुआ है।
सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक विभिन्न यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों के क्षमता से अधिक होने से प्रशासन को तीर्थ यात्रियों का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। प्रशासन व आपदा प्रबंधन राहत व बचाव कार्यों में तत्परता लाने के लाख दावे तो कर रहा है मगर पैदल मार्ग से जान जोखिम में डालकर सोनप्रयाग पहुंचने तीर्थ यात्रियों की दास्तान हर एक को झकझोर कर रही है।
वर्ष 2013 की आपदा की तरह कुछ लोग अभी भी जंगलों में भटकने के लिए विवश बने हुए हैं! भले ही प्रशासन व आपदा प्रबंधन के सम्मुख अभी पैदल मार्ग पर फसें तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का मुख्य लक्ष्य है मगर आने वाले दिनों में केदारनाथ की यात्रा दुबारा शुरू करना भी एक चुनौती है। बादल फटने के कारण प्रशासन द्वारा अभी तक किसी भी तीर्थ यात्री या स्थानीय व्यक्ति के लापता होने की पुष्टि तो नहीं की गयी है मगर सोनप्रयाग जिला पंचायत की पार्किंग में खड़े वाहनों से स्पष्ट हो गया है कि पैदल मार्ग पर अभी भी सैकड़ों तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं। प्रशासन व आपदा प्रबंधन द्वारा पैदल मार्ग पर फंसे हर तीर्थ यात्री को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास तो किया जा रहा है मगर बार – बार मौसम के करवट लेने तथा भूस्खलन वाले स्थानों पर हर समय बोल्डरों के गिरने से राहत व बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों को भी जान जोखिम में डालकर कार्य करना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत रावत ने बताया कि जिस प्रकार सोनप्रयाग में तीर्थ यात्री रेक्स्यू होने का इन्तजार कर रहे हैं उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पैदल मार्ग पर अभी आ सैकड़ों तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं। पूर्व सभासद बलवन्त रावत ने बताया कि पैदल मार्ग पर तीर्थ यात्रियों के अनुसार अभी गौरीकुण्ड के जंगलों से कुछ तीर्थ यात्री आवागमन कर रहे हैं प्रशासन को जंगलों से आवागमन करने वाले तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए स्थानीय अनुभवी व्यक्तियों की मदद लेनी चाहिए।
संचार सेवा ठप
ऊखीमठ : केदार घाटी में बुधवार रात को बादल फटने के बाद गौरीकुण्ड से केदारनाथ के मध्य संचार सेवा ठप है।
गौरीकुण्ड से आगे संचार सेवा के ठप होने से पैदल मार्ग पर फसे तीर्थ यात्रियों का अपने परिजनों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है! पूर्व प्रधान कैलाश चन्द्र पुरोहित ने बताया कि कुछ तीर्थ यात्री व स्थानीय व्यक्ति जंगलों से आवाजाही कर रहे हैं मगर संचार सेवा के ठप होने से उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।
भण्डारे का आयोजन
ऊखीमठ : बदरी – केदार मन्दिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कर्मवीर कुवर ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद पैदल मार्ग आ सोनप्रयाग पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की कुशलक्षेम पूछी। सोनप्रयाग में व्यापार संघ व शहीद गोविन्द सिंह राणा जीप टैक्सी यूनियन गुप्तकाशी के द्वारा भण्डारे का आयोजन कर पैदल मार्ग से सोनप्रयाग पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की हर सम्भव मदद की जा रही है। व्यापार संघ अध्यक्ष सोनप्रयाग अंकित गैरोला ने बताया कि सभी व्यापारियों व यूनियन के पदाधिकारियों के सहयोग से पैदल मार्ग से सोनप्रयाग पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की हर सम्भव मदद की जा रही है। दीक्षा प्रापर्टी के चैयरमैन कुलदीप रावत द्वारा भी भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है जबकि कुछ समाजसेवियों द्वारा शेरसी में भी भण्डारे का आयोजन कर तीर्थ यात्रियों की मदद की जा रही है।
राहत व बचाव कार्य पर उठाये सवालिया निशान
छात्र संघ के पूर्व विश्व विद्यालय प्रतिनिधि सौरभ भट्ट ने राहत व बचाव कार्यों पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पैदल मार्ग पर सैकड़ों तीर्थ यात्री फसे है जबकि प्रशासन व आपदा प्रबंधन द्वारा कुछ ही स्थानों पर रेस्क्यू अभियान चलाकर इतिश्री की जा रही है जबकि सोनप्रयाग से लिनचौली तक हर स्थान पर रेस्क्यू अभियान चलाने की सख्त जरूरत है! गुरूवार को दस बजे केदारनाथ से चलकर पैदल मार्ग से शुक्रवार दोपहर एक बजे सोनप्रयाग पहुंचे गाजियाबाद निवासी प्रिन्स ने बताया कि पूरे पैदल मार्ग पर रेस्क्यू अभियान की सख्त जरूरत है जबकि आपदा प्रबंधन द्वारा कुछ ही स्थानों पर रेस्क्यू अभियान चलाने के कारण तीर्थ यात्रियों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ से सोनप्रयाग पहुंचने में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा तथा पैदल मार्ग बहुत ही जोखिम भरा है।
पैदल मार्ग से 209 लोग पहुंचे चौमासी गाँव
ऊखीमठ : बुधवार रात को सोनप्रयाग – केदारनाथ पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर बादल फटने के कारण पैदल मार्ग जगह – जगह क्षतिग्रस्त होने से रामबाडा – खाम – चौमासी पैदल मार्ग से 209 तीर्थ यात्री व स्थानीय व्यक्ति चौमासी गाँव पहुंच गये हैं। चौमासी गाँव के ग्रामीणों द्वारा सभी तीर्थ यात्रियों व स्थानीय व्यक्तियों के लिए रहने – खाने व मंजिल तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था की जा रही है। जानकारी देते हुए खण्ड विकास अधिकारी सूर्य प्रकाश शाह ने बताया कि 6 यूपी, 28 नेपाल, 5 हरिद्वार 1 बिहार 6 राजस्थान, 2 नजीबाबाद सहित 209 तीर्थ यात्री , स्थानीय व्यापारी, घोड़े – खच्चर संचालक रामबाडा – खाम पैदल मार्ग से कालीमठ घाटी के चौमासी गाँव पहुंच चुकें है! प्रधान चौमासी मुलायम सिंह तिन्दोरी ने बताया कि शुक्रवार शाम तक कुछ अन्य तीर्थ यात्रियों के साथ केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय कर रहे व्यापारियों के चौमासी गाँव पहुंचने की सम्भावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद हजारों तीर्थ यात्रियों व स्थानीय व्यक्तियों ने इसी पैदल मार्ग से आवाजाही कर चौमासी गाँव पहुंचे थे उस समय भी ग्रामीणों द्वारा हर सम्भव मदद की गयी थी।
अस्थायी पुल का निर्माण
ऊखीमठ – द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखडां नदी पर लोक निर्माण विभाग व गौण्डार गाँव के ग्रामीणों के अथक प्रयासों से लकड़ी का अस्थायी पुल बनकर तैयार हो गया है तथा नौ सदस्यीय तीर्थ यात्रियों का पहला दल मदमहेश्वर धाम रवाना हो गया है। पहले दल के बनातोली से मदमहेश्वर धाम रवाना होने पर मदमहेश्वर यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है तथा व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं। जानकारी देते हुए प्रधान गौण्डार बीर सिंह पंवार ने बताया कि 26 जुलाई को मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखडां नदी पर बना अस्थायी पुल नदी के वेग में समा गया था तथा जिलाधिकारी डा0 सौरभ गहरवार के नेतृत्व में मदमहेश्वर धाम में फसे 106 तीर्थ यात्रियों का सफल रेकस्यू हेलीकॉप्टर से नानौ से रासी गाँव किया गया था! उन्होंने बताया कि मोरखडां नदी पर बना अस्थायी पुल नदी की तेज धाराओं में समाने के बाद मदमहेश्वर यात्रा ठप हो गयी थी, शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग व गौण्डार गाँव के ग्रामीणों के सहयोग से मोरखडां नदी पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनकर तैयार हो गया आ तथा नौ सदस्यीय तीर्थ यात्रियों का पहला दल मदमहेश्वर धाम रवाना हो गया है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवानन्द पंवार, पूर्व प्रधान भगत सिंह पंवार, शिशुपाल पंवार संजय पंवार सन्दीप पंवार बलवीर पंवार रंगीली देवी प्रबल सिंह पंवार, यशवंत सिंह पंवार ने मोरखडां नदी पर अस्थायी पुल तैयार कर मदमहेश्वर धाम की आवाजाही शुरू होने पर जिलाधिकारी डा0 सौरभ गहरवार, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता मनोज कुमार भट्ट का आभार व्यक्त किया।