अच्छी जीवन शैली और स्वस्थ भोजन से उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि जीवन जीने के तरीके और भोजन में बदलाव किया जाए तो शरीर को असाध्य रोगों से भी मुक्त रखा जा सकता है। यह कहना था मिलेट्स मैन के नाम से विख्यात पद्मश्री डॉ खादर वली जी का। वह स्वैछिक योगाहार ऑनलाइन कार्यक्रम के 669वें दिवस पर किसान एवं उपभोक्ता सदस्यों से बतौर मुख्य अतिथि वार्तालाप कर रहे थे। इस अवसर पर हैदराबाद से पद्मश्री चिन्तला वैंकट रेड्डी और हिमाचल से पद्मश्री श्री नेकराम शर्मा और भारत के 17 राज्यों से 45 किसान प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
पतंजलि किसान सेवा समिति और पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट (पोरी) हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में चलने वाले स्वैच्छिक ”योगाहार” कार्यक्रम में उपस्थित आज के मुख्य अतिथि डॉ वली मैसूरु कर्नाटक से हैं और विगत 25 वर्ष से श्रीधान्य यानी मिलेट्स अनाजों और स्वास्थ्य पर उनके प्रभावों पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक धान्य यानी कोदो, कुटकी, कंगनी, सांवा और छोटी कंगनी चिकित्सकीय गुणों से भरपूर हैं, इनके सेवन से मानव को आरोग्य की प्राप्ति होती है। वहीं तटस्थ अन्न यानी बाजरा, रागी, चीणा, ज्वार, और मक्का के सेवन से शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है, इन अनाजों को उगाएं और उपयोग में लाकर जन स्वास्थ्य व जैविक आंदोलन को सफल बनाएं। उन्होंने योग और आहार विषयों पर आधारित कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने हेतु प्रसंशा व्यक्त की। पद्मश्री वेंकट रेड्डी एवं पद्मश्री श्री नेकराम शर्मा के साथ रानी लुक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी,के शिक्षा निदेशक डॉ अनिल कुमार जी ने सभी जैविक पद्धतियों को सरलता के साथ अपनाकर जैविक/प्राकृतिक खेती को सफल बनाने की बात कही। इस अवसर पर पोरी के मुख्य महाप्रबन्धक श्री पवन कुमार जी ने सभी सदस्यों का अभिवादन किया और पतंजलि किसान सेवा समिति मध्य प्रदेश के प्रभारी श्री मुन्नीलाल यादव जी ने कार्यक्रम का संचालन किया। वहीं प्रथम सत्र में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, नांदेड़, महाराष्ट्र के श्री राम शिवपनोर ने योग
योग कराया।