वनाग्नि से जंगलो को बचाने की पद यात्रा आज दूसरे दिन बछेर, सोनला, घुडसाल, सैकोट, मासों, उतरो में गोष्ठी एवं संवाद करते हुए गिरसा पहुँची।
उल्लेखनीय है कि चिपको की मातृ सस्था, दशोली ग्राम स्वराज्य मंडल तथा सी पी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के तत्वाधान में वनों को दावानल से बचाने के लिए क्षेत्र में जन जागरण एवं अध्यन के लिए पद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
घुडसाल की सरपंच दीपा देवी ने कहा की प्रशासन एवं जन सहयोग से ही इस पर काबू पाया जा सकता हैं। गोष्ठी में समाज सेविका मुन्नी पँवार ने वनाग्नि के मुख्य कारणों के विषय में बोलते हुए कहा अधिकतर जंगलो में आग मोटर मार्गो मे असमाजिक तत्वों द्वारा लगाई जाती हैं। वही चुनोला की विजया देवी ने बताया कि उनका गाँव चारो तरफ से चीड़ के जंगल से घिरा है। जब आग फैलती है तो उनके परिवार को जान- माल का खतरा बना रहता है। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि अक्सर कई बार आग पैदल मार्ग की सफाई के दौरान भी भड़ककर बेकाबू हो जाती हैं। फरेस्टर मीना दवे ने बताया कि विगत तीन वर्षो से उनके क्षेत्र में जन सहयोग से वनाग्नि की कोई भी घटना नहीं घटी।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए आम प्रकाश भट्ट ने बताया की वन आंदोलनों की जननी संस्था के तत्वाधान तथा चिपको के वयोवृध् कार्यकरताओं के दिशा निर्देशन एवं मार्गदर्शन में अपने वनों को वनाग्नि से बचाने के लिए यह जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसका मुख्य मकसद गाँवों में जाकर जहाँ लोगो को वन संवर्धन के लिए प्रेरित करने के साथ ही संवाद के द्वारा वनाग्नि के कारणों तथा उसके निराकरण के उपायों को जानने को जानना है।
गाँवों मे आयोजित गोस्ठियों में विनय सेमवाल और मंगला कोठियाल ने भी वनागनि के दुस्प्रभावों पर विचार रखे।विभिन्न गाँवों में आयोजित गोष्ठी में वन दरोगा पुष्कर सिंह नेगी, मोहित सिंह, गौरव, कुलदीप सिंह पँवार संरपंच सैकोट, शंकर सिंह ग्राम प्रधान सैकोट रेखा देवी अशोक पँवार, पवित्रा देवी, हरीश पँवार, अनिता देवी, कश्मीरा देवी, सहित कई लोग मौजूद थे।