गोपेश्वर : चमोली जिले के वन पंचायत सरपंच संगठन की ओर से अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय गोपेश्वर में जुलूस प्रदर्शन किया गया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया।
वन पंचायत सरपंच संगठन की ओर से जिला मुख्यालय की सड़कों पर प्रदर्शन किया गया। संगठन का प्रदर्शन गोपेश्वर बस स्टेशन से होता हुआ जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचा। जहां पर सरपंचों ने धरना दिया। सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष कैलाश चंद्र खंडूरी ने कहा कि एक लंबे समय से वन पंचायत सरपंच अपनी मांगों को लेकर सरकार से लगातार पत्राचार करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वन पंचायतों की जमीनों पर अवैध अतिक्रमण किये जा रहे हैं और शासन-प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। इससे वन पंचायत की जमीन धीरे-धीरे कम होती जा रहा है। यदि ऐसा ही रहा तो एक समय ऐसा भी आ सकता है कि जब वन पंचायत की जमीन बचेगी ही नहीं। उन्होंने सरकार से मांग की कि अवैध अतिक्रमण को रोकते हुए वन पंचायतों को सशक्त किया जाए ताकि जंगलों को बचाया जा सके और लोगों का जीवन सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि सीएम को भेजे गये ज्ञापन में मांग की गई है कि सरपंचों के मानदेय का विधेयक पास किया जाए, नियमावली 1976 के अनुसार पंचायती वन समिति के स्थान पर वन पंचायत सलाहकार समिति लिखा जाए। प्रदेश स्तर पर सलाहकार परिषद का गठन सरपंचों में से किया जाए, वन पंचायतों की रॉयल्टी का पैसा प्रतिवर्ष खातों में डाला जाए, गांवों में वनाग्नि अवरोधक समिति के अध्यक्ष पद पर ग्राम प्रधान के बजाए सरपंच को बनाया जाए, वन पंचायतों को सुदृढ किया जाए, वन पंचायतों का सीमाकंन किया जाए, वन पंचायतों के चुनाव प्रदेश स्तर पर एक साथ किये जाए, प्रत्येक वन पंचायत का भवन बनाया जाए। इस मौके पर वन पंचायत सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष कैलाश चंद्र खंडूरी, संरक्षक प्रसाद रतूड़ी, उपाध्यक्ष भगवती प्रसाद सती, ब्यारा सरपंच रघुबीर बिष्ट, बिरही सरपंच हरेंद्र सिंह संग्राम सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।