केदारघाटी से हरीष गुसाईं/लक्ष्मण नेगी की रिपोर्ट
केदारघाटी : खेल मैदान अगस्त्यमुनि में 51 वर्षों बाद 19 जून से प्रारम्भ हुए विश्व मंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण का आज विधि विधान व पूर्णाहुति के साथ समापन हुआ। 11 दिवसीय इस महानुष्ठान के समापन अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान आचार्यों, विभिन्न मठों के महन्तों व सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति में शामिल होकर विश्व समृद्धि व क्षेत्र की खुशहाली की कामना कर मनौती मांगी। विश्व मंगलम महायज्ञ व अष्टादश महापुराण के आयोजन से 11 दिनों तक महर्षि अगस्त्य की तपस्थली अगस्त्यमुनि का वातावरण वेद ऋचाओं के साथ भक्तिमय बना रहा।
गुरूवार को ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचांग पूजन के तहत अनेक पूजाएं सम्पन्न कर तैतीस कोटि देवी – देवताओं सहित महर्षि अगस्त्य का आह्वान किया। ठीक दस बजे से कथा मंडप में व्यास पीठ पर विराजमान कथा वाचक आचार्य लम्बोधर प्रसाद मैठाणी ने शिव पुराण महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि केदारघाटी के सम्पूर्ण भूभाग को शिवभूमि के नाम से जताना जाता है। इसलिए इस पावन धरती में पदार्पण करते ही मनुष्य मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।
आचार्य डॉ नन्द किशोर भट्ट ने शास्त्र एवं यज्ञ विद्या पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इस प्रकार की धार्मिक अनुष्ठानों में जो मनुष्य अपने श्रद्धा सुमन निःस्वार्थ भाव से अर्पित करता है वह मनुष्य सांसारिक सुखों को भोगकर अन्त में स्वर्ग को प्राप्त करता है। समापन अवसर पर व्यास पीठ पर विराजमान सभी आचार्यों ने विश्व मंगल की कामना करते हुए मौजूद श्रद्धालुओं व आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों के यशस्वी जीवन की कामना की। इस महानुष्ठान के संरक्षक बद्रीनारायण के करपात्री ब्रह्मचारी प्रपन्नचार्य जी महाराज ने अपने सम्बोधन में आम जनमानस से सनातन धर्म की रक्षा हेतु कार्य करने का आह्वान किया। कोटेश्वर धाम के महन्त शिवानन्द गिरी महाराज ने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों से मानवों में सद्बुद्धि का उद्गम होता तथा वह सद्मार्ग पर अग्रसर होता है। इसके बाद सभी विद्वान आचार्यों द्वारा विश्व मंगल की कामना के साथ सभी पुराण ग्रन्थों को विराम दिया गया। आयोजन समिति के संयोजक हर्षवर्धन बेंजवाल एवं अध्यक्ष धीरसिंह नेगी ने 11 दिवसीय महानुष्ठान के निर्विघ्न सम्पन्न होने पर आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों के साथ ही सभी दानदाताओं सभी सहयोगियों के साथ ही शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए थानाध्यक्ष सदानन्द पोखरियाल का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। ठीक साढ़े बारह बजे हवन कुण्ड में विद्वान आचार्यों द्वारा अनेक प्रकार की पूजार्थ सामग्रियों की सामूहिक विशाल आहूतियां देने के साथ ही विश्वमंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण पूर्णाहुति एवं भण्डारे के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा सभी आचार्यों, ब्राह्मणों व महायज्ञ में निष्ठा से कार्य करने वाले सदस्यों एवं पदाधिकारियों को स्मृति चिह्न व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत, संयोजक शाकाम्बरी खत्री, संहसंयोजक विक्रम नेगी, सचिव चन्द्रसिंह नेगी, प्रसिद्ध रंगकर्मी डॉ डीआर पुरोहित, प्राचार्य पीएस जगवाण, खुशाल सिंह नेगी, पूर्व राज्य मंत्री अशोक खत्री, शकुन्तला जगवाण, प्रमेन्द्र रावत, देवानन्द गैरोला,कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण, हरीश गुसाईं, प्रधान संगठन के अध्यक्ष विजयपाल राणा,व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन बिष्ट, राजेन्द्र भण्डारी, रागनी नेगी, माधुरी नेगी, विनीता रौतेला, उमा कैन्तुरा, कुसुम भट्ट सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो – अष्टादश महापुराण के समापन पर कथा मण्डप में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।