भगवान मद्महेश्वर की उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर में हुई विराजमान – लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

Team PahadRaftar

ऊखीमठ। विकासखंड ऊखीमठ की सीमान्त ग्राम पंचायत गौण्डार से लगभग 10 किमी दूर हिमालय श्रृंखला के मध्य विराजमान भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान हो गयी है। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य के भागी बने। शुक्रवार से भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी। गुरुवार को मदमहेश्वर घाटी के गिरीया गाँव में प्रधान पुजारी शिव लिंग ने ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर सहित तैतीस कोटि देवी – देवताओं का आवाहन किया तथा आरती उतारी।

उसके बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह मूर्तियों के निर्वाण दर्शन कर विश्व कल्याण की कामना की। ठीक नौ बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना हुए तथा फाफज, सलामी यात्रा पड़ावों पर ग्रामीणों ने अनेक प्रकार की पूज्यार्थ सामाग्रियो से अर्ध्य लगाकर मनौती मांगी। ठीक 12 बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली मंगोलचारी पहुंचीं तो रावल भीमाशंकर लिंग के प्रतिनिधि केदार लिंग, सैकड़ों श्रद्धालुओं, मराठा रेजिमेंट व स्थानीय वाध्य यंत्रों की मधुर धुनों से डोली की अगुवाई की गयी! भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मंगोलचारी पहुंचने पर सम्पूर्ण भूभाग बाबा मदमहेश्वर के जयकारो से गुजायमान हो उठा। पौराणिक परम्पराओं के अनुसार मंगोली के ग्रामीणों ने भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली को सामूहिक अर्ध्य अर्पित किया तथा केदार लिंग ने डोली पर सोने का छत्र चढा़ कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की।

भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ब्राह्मणखोली आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर डोली का भव्य स्वागत किया, तथा कस्तोरा नामक स्थान पर डोली की विशेष पूजा – अर्चना की गयी तथा डगवाडी गाँव आगमन पर ग्रामीणों ने भी अर्ध्य अर्पित किया! दोपहर 2:30 पर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर पहुंचने पर वहाँ पूर्व से मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर डोली का भव्य स्वागत किया तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल पर विराजमान हुई। उसके बाद रावल भीमाशंकर लिंग के प्रतिनिधि केदार लिंग ने मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव लिंग का छ: माह तीर्थ में रहने का संकल्प तोड़ा तथा बूढा़ मदमहेश्वर ने भक्तों को आशीष दिया! इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भटट्, क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्वेता पांण्डेय, देव स्थानम् बोर्ड के सदस्य श्री निवास पोस्ती, शिव सिंह रावत, मुलायम सिंह तिन्दोरी, धीर सिंह नेगी,लवीश राणा, सुदीप राणा,देव स्थानम् बोर्ड अपर अधिकारी बी डी सिंह, राजकुमार नौटियाल, यदुवीर पुष्वाण, शिवशंकर लिंग, बागेश्वर लिंग, टी गंगाधर लिंग, कृष्ण कान्त जुगराण, अरविन्द शुक्ला, हर्षवर्धन बेजवाल, स्वयम्वर सेमवाल, खुशहाल सिंह नेगी सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं, जनप्रतिनिधि व मराठा रेजिमेंट की बैण्ड पार्टी मौजूद रहे।

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