लक्ष्मण सिंह नेगी
ऊखीमठ : केदारनाथ विधानसभा में आगामी 20 नवम्बर को होने वाले उपचुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही चुनावी रणभेरी शुरू गयी है। भाजपा – कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर असमंजस बना हुआ है, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन चौहान अपना चुनावी बिगुल बजा चुके हैं। क्षेत्रीय दल यू के डी सहित अन्य राष्ट्रीय पार्टी चुनावी समर में प्रत्याशी उतारने को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में इन्तजार तो कांग्रेस में तकरार जारी है।
भाजपा कांग्रेस के लिए प्रत्याशी चयन करना चुनौती बना हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र रावत तथा पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सासंद तीरथ रावत केदारनाथ विधानसभा का तूफानी दौरा कर भाजपा कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलकर अलविदा हो गए हैं ,मगर दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के एक साथ अचानक तूफानी दौरे लगने से भाजपा संगठन व कार्यकर्ताओं में एक बार असमंजस की स्थति पैदा हो गयी है। भाजपा प्रदेश संगठन द्वारा 6 नामों का पैनल पार्टी हाई कमान को भेजने के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के केदारनाथ विधानसभा का तूफानी दौरा लगने से भाजपा संगठन व कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा होना स्वाभाविक ही है। भाजपा नेता कुलदीप रावत नारायण कोटी, तल्लानागपुर, चन्द्रापुरी व ऊखीमठ में जन संवाद कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी प्रबल दावेदारी पेश कर चुके हैं, जबकि कुलदीप रावत की तल्लानागपुर जन संवाद कार्यक्रम के अलावा अन्य तीन जन संवाद कार्यक्रमों में भाजपा पदाधिकारियों का नदारद रहने से स्पष्ट हो गया है कि आगामी उपचुनाव में कुलदीप रावत भाजपा की गल्ले की फांस बनता जा रहा है। चुनावी शंखनाद की उल्टी गिनती शुरू होते ही अचानक सोशल मीडिया पर शैलपुत्री ऐश्वर्या रावत व कुलदीप रावत फोटो वायरल होने से भाजपा संगठन में हड़कंप मच गया है। सूत्रों की माने तो यदि शैलपुत्री ऐश्वर्या रावत या फिर कुलदीप रावत को भाजपा से टिकट न मिलने पर दोनों भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हो सकते हैं। और यदि ऐश्वर्या रावत व कुलदीप रावत भाजपा से बगावत करते हैं तो भाजपा के लिए मैगलौर व बदरीनाथ उपचुनाव की पुनरावृत्ति होने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा के बाद प्रदेश प्रभारी शैलजा द्वारा पर्यवेक्षकों की तैनाती करना गुटबाजी का कारण ही माना जा रहा है। कांग्रेस से पूर्व विधायक मनोज रावत, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुवर सजवाण का नाम प्रत्याशियों की चर्चाओं में है जबकि प्रदेश सचिव शशि सेमवाल ने महिला कोटे से अपनी दावेदारी पेश कर प्रदेश संगठन को सोचने पर विवश कर दिया। इसी बीच कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने भी दावेदारी कर पार्टी में भूचाल खड़ा कर दिया है। उपचुनाव की तैयारियों की बात करें तो भाजपा संगठन बूथ स्तर तक सेंधमारी कर चुका है जबकि कांग्रेस गुटबाजी तक सीमित है। निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन चौहान ने बदलाव, रोजगार व विचारों की लड़ाई को लेकर अपनी दावेदारी जनता के बीच में पेश कर दी है तथा त्रिभुवन चौहान भाजपा कांग्रेस दोनों को नुकसान पहुंचाने के भरसक प्रयास कर सीट को हासिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
चौमासी – खाम – केदारनाथ पैदल ट्रैक विकसित करने की मांग को लेकर कालीमठ घाटी के जनप्रतिनिधियों व जनता का चुनाव बहिष्कार का ऐलान जारी है यदि कालीमठ घाटी का चुनाव बहिष्कार जारी रहता है तो भाजपा कांग्रेस को चुनाव बहिष्कार का परिणाम भुगतना पड़ सकता है। तुंगनाथ घाटी में वन विभाग द्वारा तोड़े गये होटल, ढाबों का आक्रोश तुंगनाथ घाटी के व्यपारियों में आज भी है तथा उपचुनाव तक यदि व्यापारियों का आक्रोश जारी रहता है तो उसका सीधा नुकसान भाजपा को झेलना पड़ सकता है। विगत 20 सितम्बर को चोपता तल्लानागपुर में खुले मंच पर जनता को दिये गये 6 मांगों के निराकरण के आश्वासन पर खरा न उतरना भाजपा को भारी पड़ सकता है। 6 सूत्रीय मांगों को लेकर ठेकेदार ऐसोसिएशन का कार्य बहिष्कार भाजपा – कांग्रेस के चुनावी समीकरणों को बिगाड़ सकता है। कुल मिलाकर भाजपा कांग्रेस आगामी उपचुनाव के लिए किसे अधिकृत करती यह तो आगामी 25 अक्टूबर तक स्पष्ट होने के कयास तो लगाये जा रहे हैं मगर वर्तमान समय में भाजपा में इन्तजार तो कांग्रेस में तकरार जारी है।