ऊखीमठ : रूद्रपुर के ग्रामीणों ने किया पिटकुल निर्माण कार्य का विरोध, पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी!

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ : पंचायत रुद्रपुर की गोचर भूमि पर पिटकुल द्वारा तथाकथित अवैध निर्माण कार्य हटाने को लेकर क्षेत्रीय जनता ने घंटों सड़क जाम कर सरकार और पुलिस प्रशासन के विरोध जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस कर्मी, प्रशासन के नुमाइंदों और आक्रोशित जनता के बीच जमकर नोंक-झोंक और धक्कामुक्की भी हुई। आक्रोशित महिलाओं को पुलिस कर्मियों ने पकड़ कर जबरदस्ती पुलिस वाहनों में बिठाया, जिससे आक्रोशित अन्य महिलाओं ने गुप्तकाशी जाखधार मोटर मार्ग को रुद्रपुर के निकट बड़े-बड़े बोल्डर रखकर सड़क जाम किया, समाचार लिखे जाने तक इस मार्ग पर आवाजाही बंद है। पुलिस वाहनों में महिलाएं प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी कर रही है, वहीं राइका से रुद्रपुर के बीच मोटर मार्ग छावनी में तब्दील की गयी थी।

दरअसल ग्राम पंचायत रुद्रपुर की लगभग छह हेक्टेयर गोचर भूमि पर वर्ष 2013 में बिना ग्राम पंचायत के एनओसी के पिटकुल द्वारा विद्युत सब स्टेशन बनाने की पहल की गयी थी। जिसे लेकर सजग जनता ने पूर्व में भी कई बार इस पर हो रहे निर्माण कार्य को रोका गया था। बाद में ग्रामीणों ने हाई कोर्ट में जन हित याचिका दायर करके अवैध रूप से हो रहे निर्माण कार्य को रोकने की फरियाद की थी।

हालाकि कई दौरों की हेयरिंग के बाद कोई भी माकूल निर्णय नहीं निकल पाया था। क्षेत्रीय जनता की मानें तो मंगलवार को कोर्ट का निर्णय आना था. लेकिन इससे पूर्व पिटकुल भारी मशीनों को लेकर उक्त गोचर भूमि पर निर्माण कार्य शुरू करना चाह रही थी. जिसे स्थानीय जनता की एकजुटता ने बाधित कर दिया। स्थानीय महिलायें सुबह से देर साय तक निराहार सड़क पर बैठी रही। तहसील और पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हे काफी समझाने की कोशिश भी की लेकिन बिना किसी सक्षम अधिकरी की मध्यस्थता ना होने से ग्रामीण देर सांय तक सड़क पर अडिग रहे।

सामाजिक कार्यकर्ता गणेश शुक्ला अनीत शुक्ला ने बताया कि उक्त विद्युत सब स्टेशन बरम्बाड़ी गांव के नाम पर स्वीकृत था। जिसे तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी जो प्रशासक था. द्वारा विना ग्रामीणों को अवगत कराये एनओसी जारी की थी। खास बात तो यह कि उक्त गोचर भूमि को इसी फर्जी एनओसी के आधार पर डीएफओ द्वारा पिटकुल को तीस वर्षों के लिये लीज पर दी गयी थी। जिसमें से लगभग पच्चीस वर्ष गुजर चुके है। उन्होंने कहा कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन हैजो पिटकुल कैसे उक्त भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कर सकता है। साथ ही भूमि राजस्व के अधीन होती है. ऐसे में कैसे एक डीएफओ फर्जी तरीके से उक्त भूमि को लीज में दे सकते है। उन्होंने कहा कि साफ, दृष्टिगोचर है, कि प्रशासन तथा पुलिस इंडे के बल पर गुडई करके ग्रामीणों की उक्त हैरिटेज गोचर भूमि को कब्जाना चाह रही है, उन्होंने कहा कि जब तक कोर्ट का अंतिम निर्णय नही आ जाता तब तक उक्त भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं होने दिया जायेगा। यदि

प्रशासन गुंडागर्दी करके कब्जे की फिराक में है, स्थानीय जनता वृहद आंदोलन छेड़कर प्रशासन के विरूद्ध आंदोलन को बाध्य हो जायेगी। वहीं इस मामले में जब तहसीलदार प्रदीप नेगी से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासिब नही समझा। इस दौरान सैकड़ो स्थानीय लोग और चार दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी, राजस्व उपनिरीक्षक और पिटकुल के कर्मचारी मौजूद रहे।

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