लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : मद्महेश्वर धाम के हक – हकूकधारियों व गौण्डार के ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को पांच सूत्रीय ज्ञापन भेजकर मद्महेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों का चहुंमुखी विकास करने, हक – हकूकधारियों के अधिकारों में वृद्धि करने तथा गौण्डार – मद्महेश्वर पैदल मार्ग के दोनों तरफ के भू-भाग को केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के सेन्चुरी वन अधिनियम से मुक्त करने की मांग की है, साथ ही हक – हकूकधारियों ने आगामी 8 जुलाई को तुंगनाथ घाटी के चोपता की तर्ज पर गौण्डार से मद्महेश्वर धाम तक बन्द का ऐलान किया है।
उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन का हवाला देते हुए मद्महेश्वर धाम के हक – हकूकधारियों व गौण्डार गाँव के ग्रामीणों का कहना है कि मद्महेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों के चहुंमुखी विकास में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम बाधक होने से मद्महेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर संचार, विधुत, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने से मद्महेश्वर घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो रहा है। उनका कहना है कि तीर्थ यात्री व सैलानी मद्महेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर कई रात्रि प्रवास करने के लिए पहुंचता है मगर मद्महेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण तीर्थ यात्री व सैलानी एक रात्रि प्रवास के बाद मद्महेश्वर घाटी को अलविदा कह देता है। ग्रामीणों का कहना है कि गौण्डार गाँव के हक – हकूकधारी मद्महेश्वर धाम में अपने हको का निर्वहन करते आ रहें हैं मगर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा समय – समय पर उन्हें नोटिस थमाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। हक – हकूकधारियों व ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण कई दशकों से मदमहेश्वर यात्रा पड़ाव खटारा, नानौ, मौखम्बा व कून चट्टी में प्रवास कर पशुपालन व कृषि का कार्य करते आ रहें हैं। मगर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा उनको भी समय – समय पर परेशान किया जाता है। मद्महेश्वर धाम के हक – हकूकधारियों व ग्रामीणों का कहना है है कि उनके द्वारा लम्बे समय से वन अधिनियम 2006 के तहत अधिकार दिये जाने, पैदल मार्ग को सेन्चुरी वन अधिनियम से मुक्त करने, हक – हकूकधारियों के हको का विस्तार करने तथा यात्रा पड़ावों पर बनी गौशालाओं को युगों से चली परम्परा के तहत यथावत करने की मांग करते आ रहें हैं मगर हक – हकूकधारियों व ग्रामीणों की मांगों पर अमल नहीं किया जा रहा है इसलिए आगामी 8 जुलाई को गौण्डार गाँव से मदमहेश्वर धाम तक बन्द का निर्णय लिया गया है! ज्ञापन में प्रधान बीर सिंह पंवार, विशाम्वर सिंह , बलवन्त सिंह, कैलाश सिंह, अशोक सिंह, जीतपाल सिंह, शिवराज सिंह, आशु सिंह, हिमाशु सिंह, पुष्पा देवी, सुमन देवी, बीना देवी, सुनीता, पूजा देवी, सरला देवी, राजेश्वरी देवी, संगीता देवी, प्रबल सिंह, दीपा देवी, सुरेशी देवी, शिशुपाल सिंह, रमेश सिंह शिव पंवार के हस्ताक्षर मौजूद रहे।