ऊखीमठ :  कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग ताला तोक में कछुआ गति से निर्माण कार्य होने से लोगों में आक्रोश

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ :  कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग 107 पर ताला तोक में ट्रीटमेंट का कार्य कछुआ गति से होने के कारण तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों व स्थानीय जनता में विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है। विभागीय अनदेखी के कारण ताला तोक में कई वाहन आवाजाही करते समय बड़े हादसे का शिकार होने से बाल – बाल बचे हैं।

आगामी 30 अप्रैल से पूर्व यदि आपदा से क्षतिग्रस्त ताला तोक का सही ट्रीटमेंट नही किया तो तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन- पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ केदारनाथ से तुंगनाथ धाम व बदरीनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों को हिचकोले खाकर सफर करना पड़ सकता है।

आपदा के आठ माह बाद भी ताला तोक का सही ट्रीटमेंट न होने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। स्थानीय जनता का कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा को सुगम व सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने का दावा कर रही है दूसरी तरफ आपदा के आठ माह बाद भी ताला तोक का सही तरीके से ट्रीटमेंट न होने से स्थानीय जनता व तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले पर्यटकों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है।

बता दें कि विगत वर्ष 20 मई को तुंगनाथ घाटी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण आकाश कामिनी नदी के जल स्तर मे भारी वृद्धि होने से ताला तोक के निचले हिस्से में भूस्खलन होने से कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग 107 का बड़ा हिस्सा भूस्खलन की भेंट चढ़ गया था जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई दिनों तक यातायात ठप रहने से तुंगनाथ घाटी सहित तुंगनाथ धाम का तीर्थाटन – पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया था। कुछ दिनों बाद राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा यातायात बहाल तो किया गया मगर आपदा से क्षतिग्रस्त भू-भाग का सही ट्रीटमेंट न होने से दर्जनों वाहनों के पलटने से वाहनों को भारी क्षति पहुंची थी।  विगत दिनों ग्राम पंचायत उषाडा के प्रशासक कुवर सिंह बजवाल के सोशल मीडिया पर वाहन पलटने का फोटो शेयर करने से विभाग हरकत में तो आया मगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ताला तोक में ट्रीटमेंट का कार्य कछुवा गति से चलने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। पूर्व प्रधान प्रदीप बजवाल का कहना है कि आगामी 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है यदि चार धाम यात्रा से पूर्व ताला तोक का सही ट्रीटमेंट नही किया गया तो तुंगनाथ व बद्रीनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड सकता है तथा आगामी बरसात में तुंगनाथ घाटी के जनमानस की मुश्किलें बढ़ सकती है।  ग्रामीण महिपाल बजवाल का कहना है कि जब तक ताला तोक के निचले हिस्से मे आकाश कामिनी नदी के किनारे सुरक्षा दिवालों का निर्माण नही किया गया तब तक हर बरसात में भूस्खलन की समस्या बनी रहेगी। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियो ने बताया कि ताला तोक मे ट्रीटमेंट का कार्य जारी है तथा चार धाम यात्रा का आगाज होने से पूर्व ताला तोक का ट्रीटमेंट कार्य पूर्ण किया जायेगा।

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