लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : पंच केदारों में सबसे ऊंचाई पर विराजमान व तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात तुंगनाथ धाम में सावन मास के प्रथम सोमवार को 500 से अधिक शिव भक्तों ने जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। सावन मास के प्रथम सोमवार को तुंगनाथ धाम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही होने से तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर रौनक बनी रही तथा तुंगनाथ धाम सहित यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों के चेहरे पर रौनक देखने को मिली। सावन महीने के शुभारंभ अवसर हापला घाटी के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ को परम्परा के अनुसार नये अनाज सहित दूध, दही , मक्खन का भोग अर्पित कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की।
तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में भगवान शंकर के भुजाओं की पूजा होती है तथा यह पावन धाम पंच केदारों में सबसे ऊंचाई पर विराजमान है। तुंगनाथ धाम तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात है ! तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक तुंगनाथ धाम में 25 हजार 970 पुरूषों, 17 हजार 270 महिलाओं, 12 हजार 201 नौनिहालों व 906 साधु सन्तों सहित 56 हजार 147 तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम में पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर चुके हैं। मन्दिर समिति प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि इस बार तुंगनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 56 हजार के पार पहुंचा है जो कि राज्य गठन के बाद पहली बार 56 हजार के पार हुआ है। उन्होंने बताया कि कपाट बन्द होने तक यह आंकड़ा 80 हजार के पार हो सकता है। पण्डित भरत प्रसाद मैठाणी ने बताया कि जो भक्त निस्वार्थ भावना से भगवान तुंगनाथ के श्रीचरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता है उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। हापला घाटी के कलसीर निवासी बलवन्त सिंह राणा ने बताया कि हापला घाटी के ग्रामीणों द्वारा सावन माह में भोग अर्पित करने की परम्परा प्राचीन है। शंकर सिंह नेगी ने बताया कि तुंगनाथ धाम सहित यात्रा पड़ावों पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है यदि तुंगनाथ धाम सहित यात्रा पड़ावों पर विधुत, संचार, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं मुहैया होती है तो तुंगनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में कई गुना अधिक इजाफा हो सकता है।