ऊखीमठ : द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को जोड़ने वाला मधु गंगा पुल का निर्माण न होने से वर्षा काल में फिर होगी परेशानी !

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : द्वितीय केदार मद्महेश्वर यात्रा के आधार शिविर गौण्डार गाँव के निकट मधु गंगा पर यदि बरसात से पूर्व स्थायी पुल का निर्माण नहीं किया तो मद्महेश्वर धाम की यात्रा प्रभावित होने के साथ गौण्डार गाँव के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं तथा मद्महेश्वर यात्रा पड़ावों पर प्रवास करने वाले ग्रामीणों व व्यापारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गौण्डार के ग्रामीणों द्वारा मधु गंगा पर ट्राली लगाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है मगर इस दिशा में शासन – प्रशासन स्तर से आज तक किसी प्रकार की कार्यवाही न होने से बरसात के समय तीर्थ यात्रियों व ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ना स्वाभाविक ही है।

बता दें कि गौण्डार गाँव के निकट मधु गंगा में वर्ष 1970 के दशक में बना लोहे का पुल विगत वर्ष 13 अगस्त की रात्रि को मधु गंगा के जल स्तर में भारी वृद्धि होने के कारण मधु गंगा की तेज धाराओं में समा गया था। पुल के मधु गंगा की तेज धाराओं में समाने से मद्महेश्वर धाम की यात्रा खासी प्रभावित हो गयी थी तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा मद्महेश्वर धाम में फसे पांच सौ से अधिक तीर्थ – यात्रियों व ग्रामीणों का हेलीकॉप्टर के द्वारा रेक्स्यू कर रासी गाँव पहुंचाया गया था। लगभग एक सप्ताह बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा लकड़ी का अस्थायी पुल का निर्माण कर मद्महेश्वर धाम की यात्रा को सुचारू किया गया था। दस माह का समय व्यतीत होने के बाद भी मधु गंगा पर स्थायी पुल का निर्माण न होने से बरसात के समय में लकड़ी के पुल के नदी की तेज धाराओं में समा सकता है जिससे मद्महेश्वर धाम की यात्रा प्रभावित होने के साथ गौण्डार गाँव के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती है। प्रधान गौण्डार बीर सिंह पंवार ने बताया कि पुल निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा एन ओ सी मांगी गयी है, मगर बरसात के समय मधु गंगा पर अस्थायी लकड़ी का पुल बह जाता है तो ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पूर्व प्रधान भगत सिंह पंवार का कहना है कि अस्थायी लकड़ी पुल वाले स्थान पर ट्राली लगाने की मांग ग्रामीणों द्वारा लम्बे समय से की जा रही है मगर दस माह का समय गुजर जाने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है! पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवानन्द पंवार का कहना है कि यदि आगामी बरसात में भी मधु गंगा के जल स्तर में वृद्धि होती है तो लकड़ी का अस्थायी पुल नदी के तेज बहाव में समा सकता है जिससे मद्महेश्वर धाम की यात्रा प्रभावित होने के साथ ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता मनोज भट्ट का कहना है कि पुल निर्माण के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है, रिपोर्ट के आधार पर पुल की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजी जायेगी, तथा स्वीकृति मिलने पर स्थायी पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा।

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