ऊखीमठ : रासी गांव को पर्यटन गांव के रूप में विकसित करने से युवाओं को मिलेगा रोजगार

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ : द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा का अहम पड़ाव व भगवती राकेश्वरी की तपस्थली रासी गाँव धीरे – धीरे पर्यटन गाँव के रूप में विकसित होने लगा है। स्थानीय युवाओं द्वारा रासी गाँव में धीरे – धीरे होटल, ढाबों व टैन्ट व्यवसाय को बढा़वा देने से गाँव का चहुंमुखी विकास होने के साथ क्षेत्रीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होने के साथ मदमहेश्वर घाटी के पर्यटक स्थलों में सैर करने वाले सैलानियों, पर्यटकों व सैलानियों को सुख, सुविधा भी उपलब्ध हो रही है। आने वाले समय में यदि रासी गाँव में पर्यटन व्यवसाय में इसी प्रकार वृद्धि हुई तो भविष्य में रासी गाँव मदमहेश्वर घाटी का पर्यटन गाँव घोषित हो सकता है।

भविष्य में यदि रासी गाँव पर्यटन गाँव घोषित होता तो तो गांव के अन्य युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होने के साथ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सकता है तथा गाँव में होम स्टे योजना से कई ग्रामीण आत्मनिर्भर बन सकते हैं। मदमहेश्वर घाटी की खूबसूरत वादियों में बसें रासी गाँव को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है तथा रासी गाँव को चन्द्र कल्याणी भगवती राकेश्वरी की तपस्थली के रूप में विशिष्ट पहचान मिली है! रासी गाँव में वर्ष भर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, पौराणिक व धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन युगों से होता रहता है। वैसाखी पर्व रासी गाँव में पांच दिनों तक मनाया जाता है तथा ग्रामीणों के सामूहिक पहल पर पांच दिनों तक कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं! सावन महीने में भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा का आयोजन भी रासी गाँव से ही किया जाता है जबकि सावन व भाद्रपद दो महीने तक पौराणिक जागरों के माध्यम से उत्तराखण्ड के प्रवेश द्वार हरिद्वार से लेकर चौखम्बा हिमालय तक 33 कोटि देवी – देवताओं की महिमा का गुणगान करने की परम्परा रासी गाँव में युगों से चली आ रही है। प्रत्येक 12 वर्ष में भगवती राकेश्वरी की दिवारा यात्रा, वन्याथ, नारेण जागर सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन रासी गाँव में समय – समय किया जाता है। रासी गाँव हिमालयी घुमक्कडों का केन्द्र बिन्दु युगों से रहा है इसलिए रासी गाँव के दर्जनों युवा गाइड व पोटर व्यवसाय से भी जुड़े हुए है। विगत कई वर्षों से रासी गाँव धीरे – धीरे पर्यटन गाँव के रूप में विकसित होने से भविष्य में इस गाँव में तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय की अपार सम्भावनाएं हैं। प्रधान रासी कुन्ती नेगी ने बताया कि रासी गाँव होटल, ढाबों का निर्माण निरन्तर होने से युवाओं के सन्मुख स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होने के साथ गाँव को विशिष्ट पहचान मिल रही है। राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार का कहना है कि यदि प्रदेश सरकार रासी गाँव को पर्यटन गाँव घोषित करने तथा पर्यटन विभाग होम स्टे योजना को बढ़ावा देने की पहल करता है तो रासी गाँव की तकदीर व तस्वीर एक साथ बदल सकती है। बद्री केदार मन्दिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत का कहना है कि रासी गाँव मनणामाई व मदमहेश्वर धाम पैदल ट्रैकों का मुख्य केन्द्र बिन्दु है इसलिए भविष्य में रासी गाँव में तीर्थाटन, पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं।

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