लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : कालीमठ घाटी की ग्राम पंचायत कोटमा के खोन्नू गाँव में 16 वर्षों बाद बगड़वाल नृत्य का आयोजन होने से कालीमठ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है तथा प्रतिदिन विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु बगड़वाल नृत्य में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।
12 दिवसीय बगड़वाल नृत्य में ग्रामीणों द्वारा विभिन्न पौराणिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक परम्पराओं का निर्वहन किया जा रहा है। बगड़वाल नृत्य में प्रतिभाग करने के लिए प्रवासियों व धियाणियों के खोन्नू गाँव की ओर रूख करने से गांव की चौपालों में रौनक लौटने लगी है। बगड़वाल नृत्य में गजपाल सिंह – जीतू बगड़वाल, जीत सिंह – छोटा बगड़वाल, सुरेन्द्र सिंह – शोभनू, संजय सिंह शोभनी, भगत सिंह – भरणा, जगदीश सिंह – पटूणिया तथा बिक्रम सिंह – कमला के पश्वाओं की भूमिका अदा की जा रही है जबकि स्थानीय वाद्य यंत्रों की थाप से खोन्नू गाँव का वातावरण प्रतिदिन गुजायमान हो रहा है! जानकारी देते हुए बगड़वाल नृत्य कमेटी संरक्षक लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में कविल्ठा, कोटमा, चिलौण्ड, जाल तल्ला, जाल मल्ला, चौमासी, स्यासू सहित कालीमठ घाटी के सभी गांवों के ग्रामीणों प्रतिभाग कर रहे हैं! अध्यक्ष दिनेश सत्कारी ने बताया कि खोन्नू गाँव में 16 वर्षों बाद आयोजित बगड़वाल नृत्य से गांव का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है तथा बगड़वाल नृत्य में विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जा रहा है। उपाध्यक्ष केदार सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य जीतू बगड़वाल की जीवन लीला पर आधारित है तथा ऐडी़ आंछरियों द्वारा जीतू बगड़वाल का हरण टिहरी जनपद के खेट पर्वत पर किया गया था। सचिव प्रताप सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में सोभनी को बुलाने जाना व पौराणिक जागरों के गायन की मधुर धुन हर एक को मंत्रमुग्ध कर देती है। कोषाध्यक्ष प्रताप सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में बासुरी की मधुर धुन व विभिन्न पश्वाओं का नृत्य ग्रामीणों को भाव विभोर कर रहा है। पण्डित सत्यानन्द भट्ट ने बताया कि बगड़वाल नृत्य के आयोजन से क्षेत्र में समृद्धि बनी रहती है तथा ग्रामीणों द्वारा समय – समय पर बगड़वाल नृत्य का आयोजन करना युगों पूर्व की परम्परा है! पण्डित प्रेम प्रकाश भट्ट ने बताया कि बगड़वाल नृत्य के आयोजन से क्षेत्र में फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है। महिला मंगल दल अध्यक्ष सीता देवी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में सभी ग्रामीणों द्वारा पूरे मनोयोग से सहयोग किया जा रहा है तथा आगामी 12 दिसम्बर को जीतू बगड़वाल हरण के साथ बगड़वाल नृत्य का समापन होगा।