संजय कुंवर बदरीनाथ धाम से खास खबर
कल प्रातः 6 बजकर 15 मिनट पर प्रभात में खुलेंगे भू – बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ के कपाट,बोल बदरी विशाल भगवान के जयकारे के साथ हजारों की तादात में पहुंचने लगे हैं। श्रद्धालु बदरीपुरी,नारायण, भू – बैकुंठ नगरी बदरीनाथ धाम, बदरी पुरी में उमड़ रहा आस्था का जन सैलाब।
भगवान बदरीनाथ जी के बद्रीश पंचायत की शोभा बढ़ाने देव डोलियां भी पहुंची बदरीपुरी, बाल सखा उद्धव जी और देव खजांची कुबेर जी की डोलियों के साथ आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी और दिव्य तेल कलश गाडू घड़ा भी पांडु नगरी से आज श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गया है। बड़ी संख्या में लोग इन देव डोलियों के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पूरे मंदिर परिसर सहित सिंह द्वार को गेंदे और चम्पा चमेली के पुष्पों से सजाने की प्रक्रिया भी हुई शुरू।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया
सुबह करीब 4 बजे से मंदिर में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूरी की उपस्थिति में टिहरी नरेश के राजपुरोहित और बामणी गांव के प्रतिनिधि मंदिर का ताला खोलेंगे। रावल और धर्माधिकारी मंदिर में प्रवेश कर भगवान बदरीविशाल के घृत कंबल का अनावरण करेंगे। विशेष पूजा अर्चना के प्रातः काल साढ़े 6 बजे बाद आम श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर सकेंगे।
धरती पर बैकुंठ है श्री बदरीनाथ धाम
शास्त्रों में बदरीनाथ के बारे में कहा गया है कि
बहूनि सन्ति तीर्थानि, दिवि भूमौ रसासु च।
बदरी सदृशं तीर्थ, न भूतं न भविष्यति।।