ऊखीमठ। रूद्रप्रयाग – गौरीकुण्ड निर्माणाधीन नेशनल हाईवे का मलवा गुप्तकाशी – नाला के मध्य क्षमता से अधिक गिराने से स्थानीय जनप्रतिनिधियों में आक्रोश बना हुआ है जो कि कभी भी कार्यदाही संस्था व शासन – प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर फूट सकता है। स्थानीय प्रशासन इस ओर क्यों ध्यान नही दे रहा है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। निर्माणाधीन आल वेदर रोड़ का मलवा आने वाले बरसात में भारी तबाही मचा सकता है तथा गुप्तकाशी – कालीमठ मोटर मार्ग के साथ ही विद्यापीठ के तीन महाविद्यालय बरसात के मलवे के चपेट में आ सकते हैं!
बता दें कि इन दिनों रूद्रप्रयाग – गौरीकुण्ड नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है तथा नेशनल हाईवे का निर्माण कर रही कार्यदाही संस्था द्वारा गुप्तकाशी – नाला के मध्य डम्पिग जोन बनाया गया है तथा क्षमता से अधिक मलवा गिराया जा रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि डम्पिग जोन के निचले हिस्से में सुरक्षा दीवालों का निर्माण न होने के बावजूद भी निरन्तर मलवा गिराया जा रहा है जो आगामी बरसात में विकराल रूप धारण कर बड़ी तबाही मचा सकता है! कनिष्ठ प्रमुख शेलेन्द्र सिंह कोटवाल ने बताया कि गुप्तकाशी – नाला के मध्य मानकों को ताक पर रखकर मलवा गिराया जा रहा है जिससे आगामी बरसात में बड़ी तबाही होने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है!
प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत का कहना है कि यदि आगामी बरसात में डम्पिग जोन का मलवा एक साथ नीचे की तरफ बहता है तो राजकीय महाविद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय तथा आर्युवैदिक महाविद्यालय को खतरा उत्पन्न हो सकता है। प्रधान चौमासी मुलायम सिंह तिन्दोरी का कहना है कि आगामी बरसात में यदि डम्पिग जोन का मलवा एक साथ नीचे बहता है तो गुप्तकाशी – कालीमठ मोटर मार्ग का नामोनिशान मिट सकता है तथा कालीमठ घाटी के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही बाधित हो सकती है। प्रधान जाल मल्ला त्रिलोक रावत, कविल्ठा अरविन्द राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर रावत का कहना है कि यदि आगामी बरसात में डम्पिग जोन के मलवे से किसी प्रकार का नुकसान हुआ तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी कार्यदाही संस्था व शासन – प्रशासन की होगी।