सैनिक और साधु दोनों का जीवन तपस्वी जैसा होता है : ज्योतिष्पीठाधीश्वर”शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंदः महाराज
संजय कुंवर
चमोली: जैसे एक साधु हर समय अपने आपको तपाते हुए परमात्मा को प्राप्त करने के लिए प्रयास करता है, उसी प्रकार एक सैनिक हर समय भारत माता की सेवा के लिए तपता रहता है। हमारे सैनिक हैं इसलिए हम सुखपूर्वक अपने घरों में आराम से रह पा रहे हैं , सेना और साधु इन दोनों से समाज को सीखने की सतत आवश्यकता है, पूर्व सैनिक देश की धरोहर हैं इनसे समाज के लोगों को अनुशासन पूर्वक कैसे अपने जीवन को आगे बढ़ाएं इस बात को बखूबी सीखा जा सकता है। उक्त बातें ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज ने आज व्यक्त किए जब भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के द्वारा चमोली के क्षेत्रपाल में भव्य स्वागत किया गया।
आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे सर्वश्री पूर्व सैनिक सूबेदार आनन्द सिंह , पूर्व सैनिक हलवदार राणा जी , पूर्व सैनिक कैप्टन वीरेन्द्र रावत जी , पूर्व सैनिक कैप्टन दर्शन जी आदि अनेको गणमान्य पूर्व सैनिक , शाकम्भरी पीठ के श्रीमहंत सहजानन्द ब्रह्मचारी जी, शंकराचार्य मठ हरिद्वार के श्रीमान श्रवणानन्द ब्रह्मचारी, मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी , सतीश शर्मा, कौटिल्य पण्डित, रजनीश गुप्ता आदि उपस्थित रहे ।