ऊखीमठ : द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। भगवान केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को अमृत बेला पर 6:20 मिनट पर मेष लगन में ग्रीष्मकाल के लिए विधि – विधान से खोले जाएंगे। जबकि केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा 20 अप्रैल को शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मन्दिर में सम्पन्न होगी तथा 21 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना होगी। इस बार भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी में अतिरिक्त रात्रि प्रवास होगा। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर मे मन्दिर समिति के पदाधिकारियों, विद्वान आचार्यों व हक – हकूधारियों की मौजूदगी में घोषित तिथि के अनुसार 20 अप्रैल को भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा अर्चना विधि विधान से सम्पन्न की जायेगी! लोक मान्यताओं के अनुसार भैरव पूजन के बाद भैरवनाथ केदार पुरी को रवाना हो जाते है। 21 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से भक्तों के जयकारों व आर्मी की बैण्ड धुनों के साथ कैलाश के लिए रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी! 22 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर नाला, नारायण कोटी, मैखण्डा यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंचेगी। 23 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली फाटा से रवाना होकर शेरसी, बडा़सू रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौरीमाई मन्दिर गौरीकुण्ड पहुंचेगी तथा 24 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गौरीकुण्ड से रवाना होकर जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचकर भण्डार गृह में विराजमान होगी तथा 25 अप्रैल को 6: 20 मिनट पर मेष लगन में भगवान केदारनाथ के कपाट विधि – विधान से जय शंकर जय केदार के उदघोष के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें। इस मौके पर मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय,सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, बीरेन्द्र असवाल, पुष्कर जोशी, पूर्व धर्माधिकारी भुवनचन्द्र उनियाल, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण मुख्य कार्यधिकारी योगेन्द्र सिंह, कार्यधिकारी आर सी तिवारी, पूर्व कार्यधिकारी अनिल शर्मा, पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत, राजकुमार नौटियाल, डा0 हर्षवर्धन बेजवाल, कुशाल सिंह नेगी, तहसीलदार दीवान सिंह राणा,यदुवीर पुष्वाण,देवानन्द गैरोला नायब तहसीलदार जयकृत सिंह रावत, प्रकाश पुरोहित सहित मन्दिर समिति पदाधिकारी, अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, विद्वान आचार्य , हक – हकूकधारी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे ! बाक्स न्यूज – मन्दिर समिति ने आगामी यात्रा सीजन वर्ष 2023 के लिए प्रधान पुजारियों को विभिन्न तीर्थ स्थलों में पूजा की जिम्मेदारी दे दी है। जानकारी देते हुए कार्यालय अधीक्षक राजकुमार नौटियाल ने बताया कि शिव लिंग को केदारनाथ धाम में प्रधान पुजारी की जिम्मेदारी दी गयी है जबकि बागेश लिंग मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी होगे तथा शशिधर लिंग विश्वनाथ मन्दिर, शिव शंकर लिंग ओकारेश्वर मन्दिर तथा टी गंगाधर लिंग को अतिरिक्त पुजारी की जिम्मेदारी दी गयी है। बाक्स न्यूज – महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में दिल्ली निवासी प्रेम रस्तोगी, अनिल गोयल, नरोत्तम गर्ग, श्याम सुन्दर शर्मा , राजस्थान निवासी कमल खडेलवाव तथा हंस फाउंडेशन द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जबकि महाशिवरात्रि पर्व पर स्थानीय जनता द्वारा अखण्ड रामायण का आयोजन किया जा रहा है! पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने मन्दिर समिति को ज्ञापन सौंपकर कोठा भवन का निर्माण कार्य शुरू न होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है।
सीमांत जोशीमठ में भोले के जयकारों से गूंज उठे शिवालय, एसडीएम कुमकुम जोशी ने भी किया जलाभिषेक - पहाड़ रफ्तार
Sat Feb 18 , 2023