स्थानांतरण के बाद भी चमोली में डटा शिक्षक

Team PahadRaftar

स्थानांतरण के बाद मुख्य चुनाव प्रशिक्षक बनने में कामयाब रहा शिक्षक

तीन वर्ष की सेवा के बाद अन्यत्र जनपद में स्थानांतरण के बाद भी चमोली में डटा शिक्षक

रणजीत नेगी

जनपद में तीन वर्ष से अधिक समय तक सेवाएं देने के बाद स्थानांतरित किया गया एक शिक्षक अभी भी जिले में ही डटा हुआ है। जबकि शासन द्वारा स्थानांतरण के तुरंत बाद संबंधित शिक्षक को नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। खास बात यह है कि स्थानांतरण के बाद यह शिक्षक जिले में मतदान एवं मतगणना कर्मियों के सामान्य प्रशिक्षण व ईवीएम प्रशिक्षण में बतौर मुख्य प्रशिक्षक बनने में भी कामयाब रहा है। हालांकि अब मामले का खुलासा होने के बाद शिक्षा अधिकारी जल्द ही शिक्षक को रिलीव करने की बात कह रहे हैँ।

दरअसल, दिसंबर माह में जिले में तीन वर्ष से अधिक समय तक सेवाएं देने वाले मुख्य शिक्षा अधिकारी ललितमोहन चमोला, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक नरेश कुमार हल्दियानी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक आशुतोष भंडारी, प्रवक्ता आत्मप्रकाश डिमरी व सहायक अध्यापक प्रबोध डिमरी का स्थानांतरण अन्य जनपदों में हुआ। इनमें से तीन अधिकारियों समेत सहायक अध्यापक ने नई तैनाती स्थलों पर अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी है। मगर 24 दिसंबर को चमोली जिले के राजकीय इंटर कालेज उर्गम से रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय इंटर कालेज बाड़ा बच्छणस्यूं स्थानांतरित हुए प्रवक्ता आत्मप्रकाश डिमरी अभी भी जिले में ही डटे हुए हैं। 24 दिसंबर को निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर उत्तराखंड शासन माध्यमिक शिक्षा के अपर सचिव दीप्ति सिंह द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में साफ किया गया है कि स्थानांतरण के बाद संबंधित कर्मचारी बिना प्रतिस्थानी का इंतजार किए नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करें। यदि संबंधित अधिकारी, शिक्षक द्वारा निर्धारित समय पर नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया जाता है तो वर्तमान तैनाती स्थल से स्वत: ही कार्यमुक्त समझा जाएगा, उसका वेतन पूर्व तैनाती स्थल से नहीं होगा। पूर्व तैनाती स्थल से वेतन आहरित किए जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान बाध्य प्रतीक्षा अवकाश भी स्वीकृत नहीं किया जाएगा। बताया गया कि शासन के आदेशों के बाद भी संबंधित शिक्षक अभी तक नवीन तैनाती स्थल पर जाने के बजाए जिले में ही डटा हुआ है। खास बात तो यह है कि 24 दिसंबर को जिले से स्थानांतरण के बाद संबंधित शिक्षक आठ जनवरी 2022 को स्वयं को मतगणना प्रशिक्षण में बतौर मुख्य प्रशिक्षक बनने में भी कामयाब रहा। निर्वाचन आयोग के स्थानांतरण को लेकर दिए गए आदेशों में साफ किया गया है कि चुनावों के दौरान कार्यहित को देखते हुए संबंधित अधिकारियों, शिक्षकों के स्थानांतरण किए जा रहे हैं। स्थानांतरण के बाद भी शिक्षक का चमोली जिले में डटा रहना चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले में शिक्षकों ने ही शिक्षा विभाग पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला का कहना है कि संबंधित शिक्षक का वेतन चमोली जिले से आहरित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही शिक्षक को रिलीव किया जाएगा।

Next Post

मोटर मार्ग निर्माण की कछुआ चाल पर डुमक के ग्रामीणों में आक्रोश

प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन सैजी लगा मैकोट मोटर मार्ग का समरेखण विवाद, भूगर्भीय सर्वेक्षण व कार्य में प्रगति न आने से मामले में ग्रामीणों ने आक्रोश जताया है। ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2019 में निर्माण एजेंसी द्वारा बिना भूगर्भीय सर्वेक्षण कराए मैणा नदी से डुमक गांव का […]

You May Like