ऊखीमठ : केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से काश्तकारों व तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों के चेहरे खिलने के साथ ही प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होने लग गया है। आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो सीमान्त गांवों में भी बर्फबारी की सम्भावना बनी हुई है, साथ ही यदि तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ाव बर्फबारी से लदक होते हैं तो स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है ।
बता दें कि मौसम विभाग ने रविवार को हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने की आशंका जताई दी, जिसके परिणामस्वरूप केदार घाटी में शनिवार को मौसम ने अचानक करवट ली तथा रविवार सुबह से ही हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश का आगाज होने से काश्तकारों के चेहरे खिलने के साथ ही प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होने लग गया है। गडगू के काश्तकारों लक्ष्मण सिंह राणा ने बताया कि रविवार सुबह से हुई बारिश से काश्तकारों को काफी राहत मिली है। सारी निवासी गजपाल भटट् ने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने से प्राकृतिक जल स्रोतों पर वृद्धि होने के आसार बने हुए है। मक्कू निवासी विजयपाल नेगी ने बताया कि इस बार मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होने से मार्च महीने में ही धरती तपने लग गयी थी मगर रविवार सुबह से अधिकांश क्षेत्रों में हो रही बारिश से काश्तकारों के चेहरों पर रौनक लौट आयी है। क्यूजा घाटी अखोडी निवासी रश्मि नेगी ने बताया कि बारिश होने से प्रकृति का श्रृंगार अपने यौवन पर आ गया है। तुंगनाथ घाटी के व्यापारी प्रदीप बजवाल ने बताया कि यदि तुंगनाथ घाटी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होती है तो पर्यटकों की आवाजाही होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है।