बदरीनाथ धाम में बर्फबारी, बेजुबान पशुओं का नहीं कोई सहारा – पहाड रफ्तार

Team PahadRaftar

संजय कुंवर

एक्सक्लूसिव

बदरीनाथ धाम : सूबे के उच्च हिमालई क्षेत्र में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोव सक्रिय होने से बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। भू -बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम क्षेत्र में भी जमकर हिमपात हो रहा है। हालांकि शीतकाल में कपाट बन्द होने के चलते धाम की सुरक्षा हेतु आईटीबीपी के हिमवीर जवान मुस्तैद हैं,लेकिन मोक्षधाम में कतिपय लोगों द्वारा सीजन में अपने पशुधनों को चुगान हेतु छोड़ दिया था, जो आज भी बर्फबारी में ठंड और भूख के चलते खुले बर्फ के आगोश में मरने को मजबूर है। बदरी धाम में शीतकाल की बर्फबारी में इन बेजुबान पशुओं को यूं बेसहारा असहाय छोड़ने वाले लोगों को गौ माता का इस तरह तिरस्कार करना वो भी मोक्ष धाम बदरीनाथ में काफी सोचनीय विषय है। गौ माता सनातन धर्म की मूल है। भगवान श्री राम और श्री कृष्ण भी गौ माता की रक्षा हेतु इस धरा पर अवतारित हुए हैं। देश में करोड़ों राम, भक्त कृष्ण भक्त और गौ भक्त हैं। लेकिन ये दुर्भाग्य ही है कि भू बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ धाम में ही कतिपय लोगों द्वारा गौ वंशों का इस तरह तिरस्कार किया जा रहा है। क्या यही है हमारा गौ और गंगा का सम्मान। भारी बर्फबारी में ये बेजुबान पशु धन जीवन संघर्ष कर रहे हैं और कुछ गौ वंश जगह – जगह मृत अवस्था में भी देखे गए हैं। गौ माता को सनातन धर्म का प्रतीक ओर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने वालों को इन बेजुबान प्राणियों की सुध लेनी चाहिए। लोगों का कहना है कि बदरीनाथ धाम में इस तरह गौ वंश छोड़ने वालों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्यवाही होनी जरूरी है, नहीं तो ये सिलसिला हर साल यूं ही चलता रहेगा।

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