सीमांत के ग्रामीणों को जिलाधिकारी से जगी विकास की उम्मीद : संजय कुंवर

Team PahadRaftar

चमोली जिले के दूरस्थ गांव डुमक – कलगोठ में 32 साल बाद कोई जिलाधिकारी गांव तक पहुंचा है। जिससे सीमांत के दूरस्थ गांव के ग्रामीणों में उत्साह दिखाई दिया। इतना ही नहीं पहली बार कई ग्रामीणों ने गांव में डीएम को पहुंचा देखा। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का फूल – मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने 18 किमी की पैदल यात्रा कर उपरी अलकनंदा घाटी के आधा दर्जन गांवों का भी निरीक्षण कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। इस दौरान डीएम ने कलगोठ में एएनएम सेंटर व विद्यालय का भी निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं से भी अवगत कराया। डीएम चमोली आज एक दिन का प्रवास भी डुमक गांव में करेंगे।

 

जिलाधिकारी के दूरस्थ गांव में पहुंचने पर क्षेत्र के ग्रामीणों को डीएम से विकास की काफी उम्मीदें भी बनी हुई हैं। उम्मीद है कि जिलाधिकारी क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करेंगे। दूरस्थ गांव डुमक – कलगोठ के ग्रामीणों की पहली सबसे बड़ी मांग मोटर मार्ग की है। जिसके लिए ग्रामीण तीन दशक से मांग कर रहे हैं। इसके लिए ग्रामीण कही बार आंदोलन भी कर चुके हैं। दूसरी बड़ी मांग संचार सुविधा की है, जीओ टावर लगने के बाद भी ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है! तीसरी सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, जिसके चलते समय पर स्वास्थ्य लाभ न मिलने पर कही बार बीमार रास्ते में ही दम तोड देते हैं! चौथी बड़ी समस्या शिक्षा की है, दूरस्थ गांव में अध्यापकों का भी टोटा बना रहता है। जिसके चलते क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था भी कमजोर हुई है।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने डुमक – कलगोठ गांव में पहुंच कर क्षेत्र की समस्याओं से अवगत हुए। उम्मीद की जानी चाहिए कि डीएम चमोली क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने का जरूर प्रयास करेंगे। साथ ही उन अधिकारियों को भी नगर से गांव तक पहुंचाएंगे जो पांच साल में पांच दिन भी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचते हैं। और नगर में बैठकर गांव के सारे कामकाज निपटाने हैं!

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