फूलों की घाटी : फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में ख़िला प्रेम और समर्पण की निशानी स्विट्जरलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक “एडलवाइस” पुष्प
संजय कुंवर, फूलों की घाटी नेशनल पार्क,चमोली
अपने दुर्लभ जैव विविधता के लिए मशहूर उत्तराखंड के चमोली जिले के लोकपाल भ्यूंडार घाटी में मौजूद विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान आजकल यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड के राष्ट्रीय पुष्प लियोंटो पोडियम एल्पिंनम,निवाले (एडलवाइस) की खुश्बू से महक रही है। इन दिनों घाटी में रोमानिया,ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया,स्लोवेनिया,स्विट्जरलैंड जैसे देशों का राष्ट्रीय पुष्प और दुर्लभ प्रजाति के सफेद स्टारनुमा यूरोपीय आल्पस पहाड़ी फूल “एडलवाइस” अपनी रंग से बरबस प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। घाटी में पर्यटक इस पुष्प को मेरी की कब्र के आसपास ओर स्यूचंद कम्पार्टमेन्ट में इसका दीदार कर रहे है।
बता दें कि एडलवाइस पुष्प यूरोपीय देशों में विशेषतया गहरे प्रेम ओर समर्पण,देशभक्ति, साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है।घाटी के जानकार ओर पेशे से प्रकृति छायाकार चंद्रशेखर चौहान बताते है कि आजकल यह यूरोपीय एडलवाइस फूल घाटी में अपनी रंगत बिखेरे हुए है, जो अब हिमालय में कहीं कहीं ही मौजूद है। एडलवाइस पुष्प जिसका वानस्पतिक नाम लियोन्टोपोडियम निवाले,एल्पिनम,जिसे आमतौर पर जर्मन भाषा में एल्पेन -एडेलवेई कहते है ये सूरजमुखी परिवार एस्टरेसी कुल से संबंधित एक यूरोपपियन आल्पस का पहाड़ी पुष्प है। दरअसल यह एक राष्ट्रीय प्रतीक है। विशेष रूप से रोमानिया, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया,स्लोवेनिया,स्विट्जरलैंड और इटली जैसे यूरोपीय देशों का यह पुष्प नेशनल फ्लावर के रूप में जाना जाता है। फूलों की घाटी में तीन दशक से पुष्प विशेषज्ञ के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले स्थानीय पुलना गांव के निवासी रघुवीर सिंह चौहान बताते है कि यह एक नॉन टॉक्सिक प्लांट है जो पारंपरिक चिकित्सा में पेट और श्वसन रोगों के ईलाज की औषधी है।
ऐसे कई औषधीय उपयोग हैं जिनके लिए एडलवाइस पुष्प बेशकीमती है। यह पुष्प स्विट्जरलैंड में इतना प्रसिद्ध है कि यहां की एयर लाइन्स से लेकर स्पोर्ट्स कम्पनियों सेना सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में एडलवाइज पुष्प समृद्धि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यहां यह पुष्प नोबल लोगों के रूप में प्रयोग किया जाता है।
आल्पस की लोक परंपरा के अनुसार, इस फूल को किसी प्रियजन को देना समर्पण का वादा है। फूलों की घाटी में आने वाले पुष्प प्रेमी ओर जानकार पर्यटक सबसे अधिक इसी पुष्प के आकर्षण में खोए हुए है।