जसपाल नेगी
पौड़ी : स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में गुरुवार को परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जनपद के प्रसव केंद्रों में तैनात चिकित्सकों, स्टाफ नर्स को एक दिनी इंजेक्टबल कांट्रेसेप्टिव इंजेक्शन अंतरा (गर्भ निरोधक इंजेक्शन) अनचाहे गर्भ से सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षक स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. रीता बमोला ने प्रतिभागियों को अंतरा इंजेक्शन को प्रयोग में लाने की विधि, काउंसलिंग, इंजेक्शन के प्रभाव व बरतने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया।
विकास भवन सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया कि मौजूदा समय में यह सेवा कुछ ही चिकित्सा इकाईयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। अब इस सेवा को जनपद के सभी प्रसव केंद्रों में शुरु किया जाना है। डा. रीता बमोला ने कहा कि परिवार नियोजन साधनों में यह इंजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित व असरदार है जो महिलाएं गर्भनिरोधक के अन्य साधनों का प्रयोग नहीं कर रही हैं वे इस विधि का प्रयोग कर सकती हैं। कहा कि महिलाएं अनचाहे गर्भधारण से बचने के लिए हर 3 महीने में इस कांट्रेसेप्टिव इंजेक्शन का प्रयोग कर सकती हैं जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। बताया कि लंबे समय तक अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए इसे हर 3 महीने में प्रशिक्षित डाक्टर, स्टाफ नर्स, एएनएम से लगवाना आवश्यक है। बच्चा होने के बाद यदि कोई महिला तुरंत गर्भवती नहीं होना चाहती तो प्रसव के डेढ़ माह बाद व माहवारी के दिनों में 1 से 7 दिन के बीच इंजेक्शन लगाया जा सकता है। प्रसव उपरांत इंजेक्शन लगाने के बाद मां के दूध और बच्चे पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता । कहा गया कि इस सेवा को शुरू करने से पहले प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा जांच करवाना आवश्यक है। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पारुल गोयल, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. रक्षा नेगी, आई.ई.सी कॉर्डिनेटर शकुन्तला रावत, आशीष रावत, आशा सिंह आदि मौजूद रहे।