संजय कुंवर, पांडुकेश्वर
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित करने की वैदिक प्रक्रिया के तहत आज शनिवार 31 जनवरी को पवित्र तेल कलश गाडू घड़ा लेकर डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी बंदे रावल जी की अगुवाई में पांडु नगरी पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से ज्योतिर्मठ होकर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर के लिए रवाना हुए।
इससे पहले योग ध्यान बदरी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और भोग प्रसाद लगाने के पश्चात पवित्र तेल कलश को डिम्मर गांव की ओर रवाना किया गया। वहीं बसंत पंचमी के रोज टिहरी राज दरबार में होने वाले विशेष समारोह के लिए बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी श्री रावल अमरनाथ नंबूदरी भी ज्योतिर्मठ पहुंच चुके हैं। जो गाडू घड़ी के साथ- साथ नरेंद्र नगर श्री राज दरबार में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित करने वाले धार्मिक समारोह में पहुचेंगे। श्री कुबेर देवरा यात्रा समिति के सचिव और स्थानीय निवासी राम नारायण भंडारी ने बताया कि भू-बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम के श्री कपाट खुलने की तिथि दो फरवरी को बसंत पंचमी पर्व पर टिहरी राज दरबार नरेंद्र नगर में तय की जायेगी। इसी के तहत बृहस्पतिवार को श्री नरसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ के बीकेटीसी मुख्य खजाने में रखे श्री तेल कलश गाडू घड़ी को विधिवत रूप से पूजा-अर्चना के बाद बाहर निकाल कर श्री डिमरी केंद्रीय धार्मिक पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा गया। जहां से यह पवित्र तेल कलश पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर पहुंचा है। इसी तेल कलश में 2 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन विशेष पर्व पर टिहरी राज दरबार की सुहागिन महिलाएं तिल के तेल पिरोएंगी और यही सुगंधित दिव्य तिल का तेल इसी गाडू घड़ी में कपाट खुलने के दिन श्री बदरीनाथ धाम लाया जाएगा, जिसे श्री बदरी विशाल जी के नित्य दैनिक अभिषेक पूजन में प्रयोग में लाया जाता है।