रघुबीर नेगी
उर्गमघाटी : पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव एवं पंचबदरी ध्यान बदरी की यात्रा किये बिना ही आधे रास्ते से वापस लौटने को मजबूर पर्यटक
पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर एवं पंच बूद्री में विराजमान ध्यान बदरी उर्गमघाटी को जोड़ने वाली हेलंग उर्गममोटर की हालत इतनी खस्ताहाल हो गई है कि पर्यटक व तीर्थयात्री आधे रास्ते से ही वापस लौट रहे हैं। क्योंकि उनके वाहन नहीं चढ़ पा रहे हैं ऐसे में होमस्टे होटल ट्रैकिंग से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यात्रियों द्वारा बुकिंग कैंसिल की जा रही है।
पीएमजीएसवाई के लिए सोने के अण्डे देने वाली एवं घटिया निर्माण के लिए मशहूर उर्गम घाटी की सड़क के पुश्ते बिना बरसात के ही ढह जाते रहे हैं। लाखों के पुश्ते निर्माण में पत्थर की जगह मिट्टी भरी जा रही है कितनी उच्चतम किस्म की गुणवत्ता है आप तस्वीरों में देख सकते हैं। चुनाव के वक्त उर्गम घाटी को कागजों में पर्यटन सर्किट गांव घोषित किया गया था। ये कैसा पर्यटन सर्किट गांव जहां पहुंचने से पहले ही पर्यटक लौट रहे हैं ? हनुमान मंदिर से लेकर किमी चार तक स्थिति बेहद खराब है पहले ही इन स्थानों पर छह बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं जिसमें 8 लोग जान गंवा चुके हैं। कारण खराब सड़क फिर भी शासन – प्रशासन कुम्भकरणी नींद में सोया हुआ है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत समेत कांग्रेस बीजेपी के दर्जनों विधायक सैकड़ों अधिकारी दर्जनों जिला अधिकारी प्रमुख सचिव भी इस सड़क से सफर कर चुके हैं पर हालत जस की तस बनी हुई है।
राज्य के मुख्य सचिव ने भी हवाई मार्ग से कल्पेश्वर महादेव मंदिर पहुंच कर जनप्रतिनिधियों एवं उर्गम की जनता को शीघ्र सड़क सुधारने का आश्वासन दिया पर वो भी घटिया निर्माण की भेंट चढ़ गया। लगातार हो रही खराब सड़क से कास्तकारों किसानों को अपनी फसल की चिंता सता रही है अपनी जैविक उत्पाद राजमा चौलाई, मंडुवा, आलू एवं अन्य फसलें के लिए प्रसिद्ध हैं उर्गम घाटी। जनप्रतिनिधि बारबार शासन – प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
अब फिर से उर्गमघाटी बड़े आन्दोलनों का मन बना चुकी है जो कभी भी फूट सकता है।