ऊखीमठ। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली मंगलवार को द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंच गयी है। डोली आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर डोली का भव्य स्वागत किया। बुधवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गाँव पहुंचेगी तथा गुरूवार को अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी तथा शुक्रवार से भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा ओकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी।
मंगलवार को गौण्डार गाँव में मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव लिंग ने ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर, पृथ्वी, गणेश, कुबेर, सूर्य सहित तैतीस कोटि देवी- देवताओं का आवाह्न कर आरती उतारी तथा गौण्डार के ग्रामीणों ने निर्वाण दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। ठीक 11 बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से विदा हुई तथा ग्रामीणों ने डोली पर लाल पीले वस्त्र अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की। दोपहर लगभग दो बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के राकेश्वरी मन्दिर रासी आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर डोली का भव्य स्वागत किया।
भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने राकेश्वरी मन्दिर की तीन परिक्रमा कर मन्दिर परिसर में विराजमान हुई तथा ग्रामीणों ने अनेक पूजा सामग्रियों से अर्ध्य लगाकर मनौती मांगी। बुधवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से रवाना होकर उनियाणा, राऊलैक, बुरुवा, मनसूना यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गाँव पहुंचेगी। इस मौके पर देव स्थानम् बोर्ड अधिकारी यदुवीर पुष्वाण, डोली प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, मृत्युजय हिरेमठ, जगत सिंह पंवार, मदन सिंह पंवार, रवींद्र भटट्, राजेन्द्र भटट्, रणजीत सिंह पंवार, राम सिंह पंवार, विनोद पंवार, हरेन्द्र खोयाल, अशोक भटट्, धीरेन्द्र भटट्, शिवसिंह पंवार, सूरज सिंह नेगी, भगत सिंह पंवार, बीर सिंह पंवारपंवार सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।