जोशीमठ : पहाड़ों में समय से पहले खिलने लगा बुरांश

Team PahadRaftar

संजय कुंवर 

ज्योतिर्मठ : पहाड़ों में आए मौसम बदलाव के कारण राज्य पुष्प बुरांश समय से पहले खिलने लगा।

बीते कुछ माह से बारिश और बर्फबारी की कमी के चलते पहाड़ों में अब इसका असर पेड़-पौधों पर साफ दिखने लगा है। अब इसे मौसम चक्र में परिवर्तन कहे या पहाड़ों में क्लाइमेट चेंज की दस्तक उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश का पुष्प चमोली जनपद के जिला मुख्यालय के आसपास के जंगलों सहित सीमांत ज्योर्तिमठ क्षेत्र और सन वैली में समय से पहले खिलने लगा है। सीमांत के जंगलों में यह राज्य वृक्ष रोडेडेंड्रोन बुरांश फूल अपनी सुर्ख लाल गुलाबी रंग की रंगत बिखेरता नजर आ रहा है, समय से पहले पहाड़ों में यू पेड़ पौधों पर फूल का खिलना चिंतनीय विषय है।

दरअसल 1500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर पाये जाने वाला राज्य वृक्ष रोडेडेंड्रोन बुरांश आम तौर पर पहाड़ों में फरवरी अंत तक खिलता है जो इस बार पहाड़ों में जनवरी माह की शुरुआत में ही अपनी रंगत बिखेरते नजर आने लगा है। इसकी वजह बारिश और बर्फबारी की कमी मानी जा रही है। साथ ही तापमान बढ़ने से अब इनके कोपल भी सूखने लगे हैं। हालांकि बड़ी बात ये भी देखी जा रही कि बारिश और कम हिमपात के कारण सभी पेड़ों पर बुरांश फूल पूरी तरह से नहीं खिला है। पेड़ों पर कोपलें भी पूरी तरह से अभी विकसित नहीं हो पाई है वहीं कुछ पेड़ों पर बुरांश के फूल पूरी तरह विकसित हो गए हैं।

क्षेत्र के जानकारों की माने तो जलवायु परिवर्तन और तापमान में बढ़ोतरी होने से कई जगह बुरांश का फूल समय से पहले दिखने लगा है तो लोकपाल घाटी जैसे कई जगह ये पुष्प जुलाई अगस्त तक भी नजर आता है। दरअसल बुरांश का मौसम चक्र जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रहा है। बुरांश के फूल के लिए एक निश्चित चिल्ड तापमान की जरूरत होती है। फरवरी के आखिरी में तापमान बढ़ने से राज्य पुष्प बुरांश का फूल खिलना शुरू होता है। मगर इस बार तापमान बढ़ने से दिसंबर-जनवरी में ही यह फूल खिल गया है।
इस पुष्प के खिलने के लिए अनुकूल वातावरण समय से पहले मिल रहा है। जल्द खिलने से इसके प्राकृतिक रंग में थोड़ा बदलाव देखा जा रहा है।

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