बोले सोनिहाल
साल की अंतिम अरदास के बाद बन्द हुए श्री हेमकुंड साहिब के कपाट
साल की अन्तिम अरदास के बाद श्री हिंदू-सिक्ख धार्मिक आस्था का संगम श्री लोकपाल हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बन्द हुए, इस मौके पर करीब दो हजार 200 श्रद्धालु मौजूद रहे। हेमकुण्ड साहिब गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह ने इस वर्ष की अन्तिम अरदास व हुक्मनामे का वाचन किया।
वैश्विक कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष भी श्री लोकपाल-हेमकुण्ड साहिब की यात्रा महज 4 सप्ताह ही चल सकी। 27 दिनों के बाद आज दोपहर डेढ़ बजे पूरे धार्मिक रीति रिवाज व परम्परा के साथ कपाट बन्द होने की प्रक्रिया के तहत आज सुबह सवा दस बजे सुखमणि साहिब का पाठ हुआ।सवा ग्यारह बजे से सवा बारह बजे तक शबद-कीर्तन, एक बजे दोपहर हुक्मनामा पढ़ा गया और इसके उपरांत पवित्र गुरुग्रंथ साहिब की पंच प्यारों की अगुवाई में सतखण्ड में सुशोभित कर परम्परा पूरी की गई।
इस दौरान पंजाब से पहुंची बैंड पार्टी की मधुर धुन व बोले सोनिहाल के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया था। हेमकुण्ड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार कोविड महामारी के कारण हालांकि यात्रा कम दिनों ही चली, लेकिन इस दौरान स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, वन विभाग, व स्थानीय जनता का भरपूर सहयोग मिला।इस मौके पर ट्र्स्ट के जनरल सेकेट्री रविन्दर सिंह, प्रधान जनक सिंह, के अलावा सेना की 418 इंजीनियर कंपनी के अधिकारी/जवान मौजूद रहे।