ऊखीमठ। कालीमठ घाटी के जाल मल्ला में 12 वर्षों बाद आयोजित पाण्डव नृत्य के आयोजन से कालीमठ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। पाण्डव नृत्य में विभिन्न गांवों के ग्रामीणों द्वारा पाण्डव पश्वाओं की भूमिका अदा की जा रही है। जबकि कालीमठ सहित गुप्तकाशी व ऊखीमठ क्षेत्रों से प्रतिदिन सैकड़ों पाण्डव नृत्य में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। 16 नवम्बर से शुरू हुए पाण्डव नृत्य का समापन 13 दिसम्बर को होगा तथा पाण्डव नृत्य में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैैं। जानकारी देते हुए प्रधान त्रिलोक सिंह रावत ने बताया कि पाण्डव नृत्य में युधिष्ठिर – महिपाल सिंह रावत, भीम – इन्द्र सिंह पंवार, अर्जुन – अनिल सिंह पंवार, नकुल – जसपाल सिंह पंवार, सहदेव – सुरेशा सिंह पंवार, द्रोपती – गौरा देवी, सुभ्रद्रा – पूर्ण सिंह रावत, हनुमान – राजेन्द्र सिंह रावत, नर्काजुन – राजेन्द्र सिंह पंवार, श्री कृष्ण – आशीष पंवार, तथा कुन्ती श्रीमती गोदाम्वरी देवी के द्वारा पश्वाओ की भूमिका अदा की जा रही है!
क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर सिंह रावत ने बताया कि शिव सिंह रावत, सतेन्द्र सिंह रावत, प्रमोद रावत, मुलायम सिंह पंवार, कमल सिंह पंवार सावन सिंह पंवार, बीरवल सिंह,हर्षवर्धन सिंह, सुरेन्द्र सिंह तथा पुष्पा देवी के द्वारा भी विभिन्न देवी – देवताओं के पश्वाओ की भूमिका अदा की जा रही है। पाण्डव नृत्य कमेटी अध्यक्ष राय सिंह रावत ने बताया कि ढोल वादक छोटिया लाल व राकेश लाल की मांगलिक गीतों व ढोल की थाप पर प्रतिदिन पाण्डव नृत्य हो रहा है। महिला मंगल दल अध्यक्ष अनीता देवी ने बताया कि पाण्डव नृत्य में अनेक लीलाओं का भी मंचन किया जा रहा है! वन पंचायत सरपंच योगम्बर सिंह ने बताया कि कुछ दिनों बाद पाण्डवों द्वारा नगर भ्रमण कर ग्रामीणों को आशीष दिया जायेगा! युवक मंगल दल अध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि पाण्डव नृत्य के आयोजन से कालीमठ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। ग्राम पंचायत सरपंच दिनेश सिंह ने बताया कि प्रति दिन सैकड़ों ग्रामीण पाण्डव नृत्य में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे है।