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जनपद का प्रत्येक विद्यालय बनेगा निपुण : बर्त्वाल
गौचर : निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जनपद के कर्णप्रयाग एवं पोखरी विकासखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण का दो दिवसीय फॉलोअप आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली ( गौचर) में संपन्न हो गया , प्रशिक्षण में दोनों विकासखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के 52 प्रधानाध्यापकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
निपुण भारत मिशन के तहत दो दिवसीय फ़ॉलोअप में विद्यालयों में किये जा रहे प्रयासों को प्रधानाध्यापकों द्वारा साझा किया गया, उनके द्वारा बताया गया कि उनके विद्यालयों में बाल मित्र पुस्तकालय हैं जिसका संचालन बाल प्रबंधन समिति द्वारा किया जा रहा है। समुदाय से अभिभावक भी पुस्तकें घर ले जाकर अपने बच्चों के साथ पढ़ रहे हैं और इससे अभिभावक विद्यालय से लगाव महसूस कर रहे हैं।
अलग-अलग विद्यालय के शिक्षकों द्वारा विभिन्न प्रोजेक्ट पर कार्य किया गया जिसमें बहुभाषी प्रार्थना सभा, बुनियादी साक्षरता एवं बुनियादी संख्या ज्ञान को प्राप्त करने के लिए आदर्श पाठ योजनाओं का निर्माण , अधिगम शिक्षण सामग्री का निर्माण एवं उसका प्रभावी उपयोग, हर शनिवार बाल सभाओं का आयोजन, दीवार पत्रिका का निर्माण, बाल अखबार पुस्तकालय का प्रभावी संचालन प्रमुख हैं।
दो दिवसीय फॉलोअप के समापन सत्र को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रभारी प्राचार्य लखपत सिंह बर्त्वाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 2027 तक संपूर्ण विद्यालयों को निपुण विद्यालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके तहत 2026 में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा विद्यालयों का मूल्यांकन किया जाएगा। निपुण विद्यालय बनाने के लिए सर्वोच्च अभ्यास के जरिए शिक्षकों को आगे आना होगा।
कार्यक्रम के समन्वयक गोपाल प्रसाद कपरूवाण ने बताया कि निपुण (समझ और अंकगणित के साथ पढ़ने में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल) एक राष्ट्रीय मिशन है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चा भाषा और अंकगणित में दक्षता हासिल करे। यह राष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रम 2020 (एनईपी) का हिस्सा है, जिसे राष्ट्र-प्रायोजित समग्र शिक्षा योजना के तहत शिक्षा विभाग द्वारा 2021 में प्रारंभ किया गया।
दो दिवसीय फॉलोअप में शशि कंडवाल ,सुमित्रा चौहान, संगीता बहुगुणा , कविता सती राजबाला कोठियाल, रजनी नेगी , राजेश्वरी रावत, उर्मिला चौधरी, बीना वशिष्ठ, विनोद रौतेला, भगवती प्रसाद बेंजवाल हरेंद्र नेगी, त्रिलोक नेगी द्वारा अपने प्रोजेक्ट एवं विचार प्रस्तुत किए गए। समापन सत्र में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्य रविंद्र सिंह बर्त्वाल ,डॉक्टर गजपाल राज, सुबोध डिमरी ,मृणाल जोशी उपस्थित रहे , समापन पत्र का संचालन कार्यक्रम के समन्वयक गोपाल प्रसाद कपरूवाण द्वारा किया गया।