चमोली
जिले में आगामी 16 जुलाई से 15 अगस्त तक हरेला पर्व मनाया जाएगा। हरेला पर्व के अवसर पर सभी के सहयोग से वृहद रूप से फलदार एवं वन्य प्रजाति पौधों का रोपण किया जाएगा। हरेला पर्व की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार बैठक हुई। जिसमें सभी विभागों को लक्ष्य निर्धारित करते हुए आपसी समन्वय और जन सहभागिता के साथ वृहद स्तर पर पौधरोपण एवं उनका संरक्षण करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि एक महीने तक चलने वाले हरेला पर्व पर वृहद पौधरोपण के लिए सभी विभाग अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए शीघ्र इसकी जानकारी बद्रीनाथ वन प्रभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। ताकि डिमांड के अनुसार वन विभाग से पौध उपलब्ध किए जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी ब्लाक, तहसील, थाना, चौकी, स्कूल, वन पंचायत एवं कार्यालय परिसरों में पौधरोपण किया जाए। जल निगम व जल संस्थान विशेष तौर पर पेयजल स्रोत के आसपास, सड़क निर्माणदायी संस्थाएं सड़क किनारे, शिक्षा विभाग सभी विद्यालय परिसर एवं वन एवं पंचायतराज विभाग सभी वन पंचायतों में पौधरोपण करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा मनरेगा, स्वयं सहायता समूह, महिला एवं युवक मंगल दलों एवं जन सहभागिता से भी हरेला पर्व पर पेयजल स्रोतों, नदी किनारे एवं सरोवरों के आसपास वृहद रूप से पौधरोपण किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि पौधरोपण जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक उनका संरक्षण भी है। इसलिए पौध लगाने के बाद उसके संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
उप वन संरक्षक सर्वेश कुमार दुबे ने कहा कि हरेला पर्व पर इस बार वन विभाग द्वारा प्रत्येक गांव 75 पौध रोपित किए जाएगें। कुल 189 गांवों में 14175 पौध रोपण का लक्ष्य है। इसमें आंवला, काफल, दाडिम, पदम, अमरूद, तेजपात, सभी प्रकार के सिटरस प्लांट सहित बांझ, बुराश, अतीश, हरड, बेहड एवं अन्य वन प्रजाति के पौध शामिल है। शासन के निर्देशों के क्रम में सभी विभागों को अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए पौधरोपण किया जाना है। विभागों को उनकी डिमांड के अनुसार पौध दी जाएगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आगामी 16 जुलाई को हरेला पर्व का शुभांरभ किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, डीएफओ इन्द्र सिंह नेगी, डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, एसीएमओ डा. कुलदीप गुप्ता सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।