ऊखीमठ। तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत उषाडा के ताला तोक में 72 परिवारों के विस्थापन के लिए शासन से धनराशि अवमुक्त होते ही शेष परिवारों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व शासन – प्रशासन पर शेष परिवारों की अनदेखी का आरोप लगाया है। विस्थापन सूची से शेष प्रभावित परिवारों के नाम कैसे छूट गये यह सोचनीय विषय बना हुआ है। विस्थापन सूची से वंचित प्रभावित परिवारों ने अब शासन – प्रशासन के खिलाफ आर – पार की लड़ाई का मन बना दिया है। विस्थापन सूची से वंचित परिवारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि तहसील प्रशासन व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से प्रभावित परिवारों को विस्थापन सूची से जानबूझकर कर विस्थापन सूची से गायब किया गया है। बता दें कि विगत वर्ष 10 अगस्त को तुंगनाथ घाटी में मूसलाधार बारिश होने तथा आकाश कामिनी नदी का जल स्तर उफान में आने के कारण ताला तोक के निचले हिस्से में भू-धंसाव होने से ताला तोक के 95 परिवारों को खतरा उत्पन्न हो गया था। तहसील व जिला प्रशासन, भूगर्भीय, सहित विभिन्न विभागों द्वारा प्रेषित रिर्पोट का अवलोकन करने के बाद विगत दिनों शासन द्वारा ताला तोक के 72 परिवारों के विस्थापन के लिए 3 करोड़ 7 लाख 35 हजार की धनराशि स्वीकृत होते ही तहसील प्रशासन द्वारा 72 परिवारों को चैक वितरित कर विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
72 परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू होते ही विस्थापन से वंचित प्रभावित परिवारों में आक्रोश बना हुआ है जो कि शासन – प्रशासन के खिलाफ कभी भी सड़कों पर फूट सकता है। विस्थापन सूची से वंचित प्रभावित परिवारों का आरोप है कि शासन – प्रशासन की आपसी मिलीभगत से कुछ प्रभावित परिवारों का नाम विस्थापन सूची से गायब किया गया है जबकि ताला तोक में भू-धंसाव होने से सभी परिवार प्रभावित हुए हैं। विस्थापन सूची से वंचित प्रभावित परिवारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय पर उनका भी विस्थापन नहीं हुआ तो उन्हें शासन – प्रशासन के खिलाफ आर – पार की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। विस्थापन सूची से वंचित प्रभावित परिवारों ने विगत दिनों 4 अगस्त को तहसील प्रशासन व 6 अगस्त को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा कर नाराजगी व्यक्त करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। विस्थापन सूची से वंचित प्रभावित परिवारों का कहना है कि एक ही तोक के लिए अलग – अलग विस्थापन नीति लागू होना समझ से परे! जबकि दैवीय आपदा आने से सभी परिवार समान रूप से प्रभावित हुए है, विस्थापन सूची से वंचित प्रभावित परिवारों का कहना है कि यह सरासर तानाशाही या फिर राग द्वेष की भावना है। ग्रामीण प्रतिपाल सिंह का कहना है कि पूरे ताला तोक का विस्थापन होने के बाद भी कुछ परिवारों का विस्थापन सूची से नाम गायब होना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते शेष परिवारों का विस्थापन नहीं हुआ तो विस्थापन सूची से वंचित प्रभावित परिवारों को अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पडे़गा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी।