गोपेश्वर : किसानों के जैविक उत्पादों का विक्रय एवं आय में वृद्धि करने के लिए सोमवार को स्पोर्ट्स स्टेडियम गोपेश्वर में क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें जनपद के किसानों एवं बाहर से आए बायर्स के बीच उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिए सीधा संवाद कराया गया। स्वच्छता एक्शन प्लान नमामि गंगे क्लीन अभियान के अन्तर्गत कृषि विभाग के तत्वाधान एवं सुविधा संस्था के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में जनपद के करीब 550 किसानों को जैविक उत्पादन के संबध में महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गई।
मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए किसानों को शुभकामनांए दी। उन्होंने कहा कि किसान समूहों ने अपने जैविक उत्पादों एवं जड़ी बूटी विक्रय न होने की समस्या रखी थी। किसानों की इस समस्या के निदान के लिए इस सम्मेलन में बाहर से क्रेता बुलाए गए है। जैविक उत्पादन करने वाले किसान समूहों एवं बायर्स के बीच सीधा संवाद कराया जा रहा है। ताकि किसान आसानी के साथ उचित दामों पर अपने उत्पादों का विक्रय कर सकें। इसके अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर भी जैविक उत्पादों के विक्रय के लिए संडे मार्केट शुरू किए गए है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का मकसद क्रेता और विक्रेता दोनों को एक प्लेटफार्म पर लाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तहसील एवं ब्लाक स्तर पर भी क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित किए जाए। ताकि सभी किसानों को इसका लाभ मिल सके।
मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यक्रम के दौरान किसान देवेन्द्र सिंह, विश्म्बर दत्त, रूद्र सिंह बुटोला, कुंवर सिंह, लीला राम, देवेन्द्र सिंह, लक्ष्मी देवी, गजेन्द्र सिंह, रामेश्वरी हटवाल, महेशकुमार को जैविक खेती में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया। साथ ही जनजाती बाहुल्य ग्रामों के चार स्वयं सहायता समूह जय नृसिंग देवता ग्राम लाता, श्री सरस्वती महिला समूह माणा, जय मां नन्दा जैविक समूह परसारी तथा सेवा उर्वशी समूह मेरग को टीएसपी के अन्तर्गत केवीके चमोली के माध्यम से पॉवर टिलर का वितरण भी किया। इस दौरान उन्होंने कृषक समूहों के लिए लगाई गई जैविक प्रदर्शनी का निरीक्षण भी किया।
मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्या ने बताया कि स्वच्छता एक्शन प्लान नमामि गंगे के अन्तर्गत चमोली जिले में नदी किनारे बसे गांवों की 5 हजार हैक्टियर भूमि पर 9427 किसानों के माध्यम से चिन्हित 128 क्लस्टरों में जैविक खेती की जा है। किसानों के जैविक उत्पादों को अच्छा बाजार मिले और उनकी आय में वृद्वि करने के उदेश्य से जिले में क्रेता विक्रेता सम्म्लेन कराए जा रहे है। उन्होंने बताया कि आज इस सम्मेलन में दिल्ली से तीन, गुजरात से एक, यूपी से दो बायर्स के अतिरिक्त स्थानीय बायर्स द्वारा भी प्रतिभाग किया गया है और किसानों से सीधा संवाद स्थापित कराया गया है।
इस दौरान परियोजना निदेशक आनंद सिंह, मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी सरेन्द्र कुमार, डा.आशुतोष वर्त्वाल, योगेश रूवाली, अपर कृषि अधिकारी डा.जीतेन्द्र भाष्कर सहित कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, बाहर से आए हुए बायर्स एवं कृषक उपस्थित थे।