केएस असवाल
चमोली जिले में भाजपा – कांग्रेस द्वारा तीनों विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं। दोनों राष्ट्रीय दलों द्वारा अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करते ही चमोली जिले में सर्द मौसम के बीच राजनीति पारा भी बढ़ गया है। दोनों दलों के प्रत्याशियों ने अपना जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच इस बार राजनीतिक प्रचार-प्रसार का रंग ढ़ंग भी बदल गया है। सभी समर्थक व कार्यकर्ताओं द्वारा अपने – अपने उम्मीदवारों के प्रचार के लिए सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर रहे हैं।
चमोली जिले की तीन विधानसभा सीट पर बदरीनाथ में भाजपा ने सीटिंग विधायक पर ही भरोसा जताया और महेंद्र भट्ट को टिकट दिया गया है। जबकि कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी को ही टिकट दिया है। कर्णप्रयाग सीट पर भाजपा ने सीटिंग विधायक सुरेंद्र नेगी का टिकट काट कर पूर्व में दो बार विधायक रहे अनिल नोटियाल को टिकट दिया गया है। कोरोना में पिछले वर्ष कांग्रेस के नेता पूर्व विधानसभा डिप्टी स्पीकर स्व अनसूया प्रसाद मैखुरी के आकस्मिक निधन के बाद यहां कांग्रेस में बड़ा नेता का संकट गहरा गया था। लंबे खींचतान और मंथन के बाद आखिरकार दो बार के गौचर पालिकाध्यक्ष रहे मुकेश नेगी को टिकट देकर पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। ब्राह्मण बाहुल्य रही इस सीट पर पिछले बार सुरेन्द्र सिंह नेगी ने जीत दर्ज कर इस मिथक को तोड़ा है। भाजपा से सुरेंद्र सिंह नेगी का टिकट कटने से वे नाराज नजर आ रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट डालकर आजकल में बड़ा निर्णय लेने की बात कही है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी ने भी टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लडने का मन बनाया है। कांग्रेस ने कर्णप्रयाग सीट पर युवा चेहरा मुकेश नेगी को टिकट देकर युवा वोटरों को साधने की बड़ी कोशिश की है। वहीं थराली सीट पर भाजपा ने सिटिंग विधायक मुन्नी देवी शाह का टिकट काट कर जमीनी नेता भोपाल राम टम्टा पर विश्वास जताया है। मुन्नी देवी शाह ने भी टिकट कटने पर बगावत कर दिया है और निर्दलीय चुनाव लडने का मन बनाया है। अब देखना है कि भाजपा मुन्नी देवी शाह को मनाने में सफल हो पाती या नहीं ? दूसरी ओर कांग्रेस ने प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ जीतराम को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार भी जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा – कांग्रेस के बीच होने वाला है।