मायके पहुंची भगवती नन्दा स्वनूल, मैतियों ने किया भव्य स्वागत

Team PahadRaftar

मायके पहुंची भगवती नन्दा स्वनूल, मैतियों ने किया भव्य स्वागत

रघुबीर नेगी की रिपोर्ट

उर्गमघाटी : वंशीनारायण के समीप मैनवाखाल में मां नन्दा स्वनूल देवी के मिलन के बाद रिखडारा उडियार में रात्रि विश्राम के उपरान्त भगवती नन्दा स्वनूल देवी वंशीनारायण मुल्ला खर्क होते हुए फुलाणा पहुंची, जहां से भगवती नन्दा स्वनूल का मायके दिखाई देता है।

स्थानीय छानियों में रहने वाले लोगों (मरुड़ियों) ने भगवती के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से भोग लगाया गया। यहां पर छंतोलियों को ब्रह्मकमल से सजाया जाता है । बडोई में देवमिलन के बाद स्थानीय लोगों द्वारा नन्दा स्वनूल देवी के स्वागत में जागर एवं झुमेला दांकुडी नृत्य किया जाता है।गीरा गांव होते हुए भगवती नन्दा स्वनूल देवी नन्दा मंदिर पहुंचती है। जहां पर जागर गायन किया जाता है।

जातयात्री से पूछा जाता है कि कैसे आप लोग कैलाश गए? कैसा है नन्दा का कैलाश ? वहां की पुष्प वाटिका कौन रक्षक है? कैसा दिखता है नन्दी कुंड कहां से दिखता है क्या क्या दिखाई देता है मां नन्दा के ससुराल में सब कुशल मंगल है? किसने नन्दा के द्वार खोले? कौन-कौन सी पर्वत मालाएं दिखाई देती है? जिसका सम्पूर्ण वर्णन जातयात्री करता है।

भूमि क्षेत्रपाल मां नन्दा स्वनूल भगवती दाणी अवतरित होते हैं। नन्दा मंदिर में लाटू देवता अवतरित होता है। गांवों से ककड़ी तोड़कर लाता है, मां नन्दा का प्रिय भाई है लाटू।

भूमि क्षेत्रपाल घंटाकर्ण के मंदिर में पहुंचकर भगवती नन्दा स्वनूल देवी के प्रसाद ब्रह्म कमल का वितरण किया जाता है।

दो दिन मायके में रहने के बाद भगवती नन्दा स्वनूल घंटाकर्ण भूमि क्षेत्र के साथ भर्की गांव पहुंचेगी, जहां से शाम 4 बजे जागरों के माध्यम से भगवती नन्दा नन्दीकुंड और भगवती स्वनूल सोना शिखर के लिए विदा होंगी।

क्यों विशेष है उर्गम घाटी की लोकजात यात्रा

उर्गम घाटी की लोकजात यात्रा में मैनवाखाल से भगवती का आवाह्न किया जाता है जागरों के माध्यम से और माता नन्दीकुड से यहां पर पहुंचती है फिर जागरों द्वारा मां स्वनूल को सोना शिखर से बुलाया जाता है। भूमिक्षेत्र पाल घंटाकर्ण के सानिध्य में उर्गम थात एवं कौधूडिया महाराज के सानिध्य में पंचगैं पल्ला, जखोला, किमाणा, कलगोठ, द्वींग, लांजी, पोखनी, कलगोठ की जात मैंनवाखाल में होती है । भगवती स्वनूल की जात भर्की भूमियाल के सानिध्य में भनाई बुग्याल में सम्पन्न होती है।

इस अवसर पर जागरवेता शिव सिंह चौहान कुंवर सिंह नेगी शिव सिंह काला भूमिक्षेत्र पाल पश्वा महावीर राणा हर्षवर्धन चौहान बादर सिंह रावत दौलत सिंह हीरा सिंह चौहान पश्वा दाणी रघुबीर नेगी कोषाध्यक्ष मेला कमेटी प्रताप सिंह चौहान पुजारी मां नन्दा इन्द्र सिंह सजवाण वीरेंद्र रावत कमल सिंह श्रीनन्द ममगाईं प्रकाश पवांर कुलदीप सिंह ढोलवादक दीपक गोपाल समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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